Edited By Umakant yadav,Updated: 07 Sep, 2020 12:01 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के अस्तित्व में आने के बाद समूचे गोरखपुर मंडल में पर्यटन,विकास और रोजगार के नए आयाम स्थापित होंगे।
कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के अस्तित्व में आने के बाद समूचे गोरखपुर मंडल में पर्यटन,विकास और रोजगार के नए आयाम स्थापित होंगे।
योगी ने रविवार को केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के सम्बन्ध में बैठक की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 वर्षों से अधिक की मांग को स्वीकार करते हुए कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माण कराया है। अगले दो महीने के अन्दर इस हवाई अड्डे से अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवा का संचालन भी प्रारम्भ हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि बुद्धिस्ट सर्किट का केन्द्र बिन्दु कुशीनगर है। दुनिया से बड़ी संख्या में बौद्ध अनुयायी यहां आते हैं। कुशीनगर भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली है। उत्तर प्रदेश बौद्ध सर्किट की द्दष्टि से समृद्धशाली प्रदेश है। छह प्रमुख स्थान उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध की स्मृतियों के साथ जुड़े हुए हैं, जिसमें कुशीनगर उनकी महापरिनिर्वाण स्थली है। सारनाथ में भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। कपिलवस्तु उनकी राजधानी थी। श्रावस्ती में सर्वाधिक चतुर्मास भगवान बुद्ध ने व्यतीत किए थे। इसके अलावा, कौशाम्बी और संकिशा भी उत्तर प्रदेश में हैं। श्रीलंका, थाईलैण्ड, लाओस, कम्बोडिया, जापान, सिंगापुर सहित दुनिया के तमाम देश कुशीनगर के साथ एयर कनेक्टिविटी चाहते थे।
कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट प्रदेश का चौथा एयरपोर्ट है। वर्तमान में प्रदेश में दो अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट संचालित हैं। जेवर, गौतमबुद्धनगर में भी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी का उत्तर प्रदेश को बहुत सहयोग मिल रहा है, जिससे राज्य में तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि हवाई सेवाओं में कई गुना वृद्धि हुई है। प्रदेश की अनेक एयर स्ट्रिप को केन्द्र सरकार के सहयोग से एयरपोर्ट में बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि बुद्धिस्ट सकिर्ट के साथ-साथ इण्टरनेशनल स्टडी के लिए गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, सिद्धार्थनगर को शैक्षिक भ्रमण की योजना भी बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जिस पर कार्यवाही चल रही है।