Edited By Ajay kumar,Updated: 08 Jul, 2024 05:10 PM
प्रदेश सरकार बड़े शहरों की तरह छोटे शहरों में भी भवनों का व्यावसायिक उपयोग कर ज्यादा मुनाफा कमाने वालों से दो से तीन गुना तक हाउस टैक्स लेगी। अभी तक यह व्यवस्था केवल नगर निगम वाले 17 शहरों में ही लागू थी।
लखनऊ: प्रदेश सरकार बड़े शहरों की तरह छोटे शहरों में भी भवनों का व्यावसायिक उपयोग कर ज्यादा मुनाफा कमाने वालों से दो से तीन गुना तक हाउस टैक्स लेगी। अभी तक यह व्यवस्था केवल नगर निगम वाले 17 शहरों में ही लागू थी। अब नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में भी इसी तरह हाउस टैक्स की वसूली की जाएगी। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस बाबत मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद उप्र. नगर पालिका (भवन या भूमि या दोनों के वार्षिक मूल्य पर कर) नियमावली-2024 जारी कर दी है। इसके आधार पर अब नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भी हाउस टैक्स की वसूली होगी। इन शहरों में रहने वाले भवन स्वामी स्वयं अपना हाउस टैक्स तय कर निकायों में जमा कर सकेंगे।
इन लोगों से की जाएगी सामान्य हाउस टैक्स की वसूली
नियमावली के अनुसार, सरकारी छात्रावास, राजकीय या सहायता प्राप्त संस्थानों, स्वीमिंग पुल, क्रीड़ा केंद्र, जिम, शारीरिक स्वास्थ्य केंद्र, थियेटर केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम वाले, संगीत व नृत्य केंद्र से नियत दर के समान हाउस टैक्स लिया जाएगा। इसी क्रम में लघु औद्योगिक इकइयां, एकल स्क्रीन सिनेमाघर, 120 वर्ग फीट या 11.14 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की चाय की दुकान, दूध, डबलरोटी, अंडे, धोबी, लांड्री, फल, सब्जी, फोटो स्टेट, हेयर ड्रेसर व दर्जी की दुकान वालों से सामान्य हाउस टैक्स की वसूली की जाएगी।
इन लोगों से दोगुना हाउस टैक्स वसूलने की तैयारी
वहीं, मेडिकल स्टोर, प्रत्येक प्रकार के वाणिज्यक काम्प्लेक्स, स्थापित बाजारों में स्थित दुकानें, टेंट हाउस, भवन निर्माण सामग्री की दुकान और निजी कोचिंग संचालकों से दोगुना हाउस टैक्स लिया जाएगा। उदाहरण के लिए सामान्य भवन का जितना हाउस टैक्स होता है, इन भवनों से इसका दोगुना हाउस टैक्स वसूलने की तैयारी है।