Edited By Ajay kumar,Updated: 15 Jul, 2023 06:56 PM

यूपी सरकार ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व मंत्री आजम खां की वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस कर दी है। इस बात की पुष्टि मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने की है। मंडलायुक्त ने बताया कि इस संबंध में शासन की तरफ से आदेश भी जारी हो गया है।
लखनऊः यूपी सरकार ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं पूर्व मंत्री आजम खां की वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस कर दी है। इस बात की पुष्टि मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने की है। मंडलायुक्त ने बताया कि इस संबंध में शासन की तरफ से आदेश भी जारी हो गया है। वैसे आजम खां की वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने का आदेश गुरुवार को शासन की तरफ से ही जारी बाद सपा नेता को वाई श्रेणी की सुरक्षा बहाल कर दी गई। सरकार के इस निर्णय ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। सरकार का निर्णय कुछ ही घंटे में बदल जाना राजनीतिक गलियारे में किसी के गले नहीं उतर रहा है।

भड़काऊ भाषण मामले में आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द
बता दें कि आजम खां भैंस चोरी व अन्य मामलों में 27 महीने जेल में रहे। जेल से रिहा होने पर उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। कुछ महीने पहले ही आजम को भड़काऊ भाषण देने पर तीन वर्ष की सजा हुई थी जिससे उनकी विधानसभा सदस्यता भी चली गई थी।

अपर्णा यादव को झटका, वाई श्रेणी सुरक्षा वापस
सपा नेता आजम खान को भले ही सरकार ने राहत दी हो लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु व भाजपा नेत्री अपर्णा यादव को बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश शासन ने अपर्णा यादव की वाई सुरक्षा में से एक्सकॉर्ट सुरक्षा को हटा लिया है। अब से उनकी सुरक्षा में सिर्फ तीन गनर ही तैनात रहेंगे। इसके अलावा उनके आवास पर पांच पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी।
इन नेताओं की भी छिनी सुरक्षा
वहीं, नोएडा निवासी भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद बलबीर पुंज की एक्स श्रेणी की सुरक्षा का कोई औचित्य नहीं पाए जाने पर वापस ले लिया गया है। साथ ही पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के भाई मुकुल उपाध्याय की वाई श्रेणी की सुरक्षा को भी हटा लिया गया है। उनको छह माह तक केवल एक गनर दिया जाएगा। उनकी सुरक्षा हाईकोर्ट के आदेश पर वापस ली गई हैं। मुकुल उपाध्याय को सात नवम्बर वर्ष 2019 को राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति के आदेश पर वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। हाथरस निवासी हनुमान प्रसाद पोद्दार ने उनकी सुरक्षा हटाने के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने सुरक्षा हटाने को लेकर दो माह पहले राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति के सामने अपील करने का आदेश दिया था लेकिन वह बरकरार रही। आदेश की अवमानना का वाद दायर होने पर सुरक्षा हटाने का निर्णय लिया गया है। वहीं हनुमान प्रसाद पोद्दार का आरोप है कि बसपा सरकार में रामवीर उपाध्याय और उनके भाई ने डरा धमकाकर हाथरस में अलीगढ़ हाईवे पर स्थित उनकी 52 बीघा भूमि को 15 लाख रुपये में अपने नाम करा लिया। उनकी भूमि की वास्तविक कीमत 15 करोड़ रुपये से अधिक थी। इस बीच उनके भाई की हत्या भी करा दी गई थी।