Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Jan, 2023 05:58 PM

यह बेटी से लगाव ही था कि उसका शव घर पहुंचा तो एक पिता का दिल बैठ गया... उसकी सांसें थम गईं। एक साथ दो मौतों से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। पिता-पुत्री की मौत की खबर जिसे लगी, वह उनके घर पहुंचा।
बरेलीः यह बेटी से लगाव ही था कि उसका शव घर पहुंचा तो एक पिता का दिल बैठ गया... उसकी सांसें थम गईं। एक साथ दो मौतों से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। पिता-पुत्री की मौत की खबर जिसे लगी, वह उनके घर पहुंचा। परिवार को सांत्वना दी। जब दोनों के जनाजे एक साथ उठे तो हर आंख रोई... ।

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जानिए क्या है पूरा मामला
मामला शीशगढ़ कस्बे के मोहल्ला तकिया निवासी इफ्तिखार अहमद उर्फ शहंशाह की पुत्री रहनुमा (22) एक सप्ताह पहले बीमार हो गई थी। परिजनों ने बरेली के एक निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया, लेकिन कोई आराम नहीं हुआ। तीन दिन पहले घरवालों ने उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया। मंगलवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रहनुमा के पिता हार्ट की बीमारी से पीड़ित थे, इसलिए परिवार वालों ने पुत्री की मौत की खबर रात्रि में उनको नहीं दी। परिजन बुधवार को रहनुमा का शव लेकर घर पहुंचे, तब उन्हें बेटी की मौत की जानकारी हुई। यह सदमा इफ्तिखार अहमद बर्दाश्त नहीं कर सके। उनका दिल बैठ गया।
जनाने उठे तो लोगों की आंखों से निकले आंसू
पिता-पुत्री के घर से एक साथ जनाजे उठा तो लोग भावुक हो गए। उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। ऐसी हृदय विदारक घटना को जिसने सुना, वह मृतक के घर सांत्वना देने के लिए पहुंचा। कस्बे के तिकोना कब्रिस्तान में पिता व पुत्री के शव को सुपुर्दे खाक कर दिया गया। इफ्तिखार अहमद पूर्व चेयरमैन हाजी गुड्डू के बहनोई थे।