Edited By Pooja Gill,Updated: 05 Dec, 2024 11:47 AM
नोएडा: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से यहां प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में आपसी फूट पड़ गई है। बताया जा रहा है कि 10 संगठनों द्वारा इस आंदोलन को संचालित किया जा रहा...
नोएडा: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से यहां प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में आपसी फूट पड़ गई है। बताया जा रहा है कि 10 संगठनों द्वारा इस आंदोलन को संचालित किया जा रहा था, लेकिन उसके प्रमुख घटक भारतीय किसान यूनियन (BKU) और कई संगठनों ने इस धरना से किनारा कर लिया है।
इस वजह से अलग हुआ BKU
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि किसानों के प्रदर्शन और समस्याओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने दो दिन पहले पांच सदस्यीय एक उच्च स्तरीय समिति बनायी। उन्होंने कहा कि उनका मत है कि किसान संगठन के लोग इस समिति के साथ धरना स्थल पर ही बातचीत करें तथा अपनी मांगों को उनके सामने प्रमुखता से रखें। उन्होंने कहा कि धरना-प्रदर्शन के अलावा सरकार के नुमाइंदों से बात करके ही किसानों की समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। टिकैत ने कहा कि दिल्ली कूच करने से समस्या का हल नहीं होगा क्योंकि दिल्ली कूच के लिए राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के सभी संगठनों का एक होना जरूरी है, तभी वह सफल हो पाएगा। उन्होंने कहा कि किसान नेता समिति के लोगों से बात करें लेकिन कुछ नेता इस बात के लिए तैयार नहीं थे। इस वजह से भारतीय किसान यूनियन इस प्रदर्शन से अलग हो गया है।
'अपने हिसाब से जो भी करना है वे करें..'
राकेश टिकैत का कहना था कि अन्य किसी संगठन को अपने हिसाब से जो भी करना है वे करें। किसान संगठन के सूत्रों के अनुसार इसके अलावा कुछ अन्य किसान संगठनों ने भी अपने आप को इस प्रदर्शन से अलग कर लिया है। उनका भी मत है कि समिति के सामने अपना पक्ष रखकर किसानों की मूल समस्याओं को हल निकाला जाए। कई किसान नेताओं का मानना है कि हल टकराव से नहीं आपसी बातचीत से होगा। हालांकि कुछ किसान नेताओं का मानना है कि समिति बनाकर सरकार ने एक ‘लॉलीपॉप' दिया है। उनके मुताबिक, पहले भी उच्चस्तरीय समिति बनी थी, लेकिन उसका नतीजा सिफर रहा।