Edited By Pooja Gill,Updated: 07 Oct, 2024 03:16 PM
Kushinagar News: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिला प्रशासन ने फसल अवशेष के प्रबंधन की सलाह देते हुए किसानों को चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण में इजाफा करने में सहायक पराली को जलाने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है। उप कृषि निदेशक आशीष कुमार ने सोमवार को...
Kushinagar News: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिला प्रशासन ने फसल अवशेष के प्रबंधन की सलाह देते हुए किसानों को चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण में इजाफा करने में सहायक पराली को जलाने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है। उप कृषि निदेशक आशीष कुमार ने सोमवार को सभी किसानों एवं कम्बाइन मालिकों को अवगत कराया कि शासन के आदेश है कि कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ यथा सम्भव सुपर एसएमएस का प्रयोग किया जाए। जब तक कम्बाईन में सुपर एसएमएस न लग जाये। तब तक विकल्प के रूप में अन्य फसल अवशेष प्रबंधन के कृषि यंत्रों जैसे स्ट्रारीपर, स्ट्रारेक व बेलर, मल्चर, पैडी स्ट्रा चापर, श्रबमास्टर, रोटरी स्लेशर, रिवर्सिबल एमबी प्लू का भी प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जा सकता है।
पराली जलाने पर जब्त होगी कम्बाईन मशीन
उप कृषि निदेशक ने कहा कि कम्बाईन हार्वेस्टर के संचालक की जिम्मेदारी है कि वह कम्बाईन के साथ उपरोक्त यंत्रों का प्रयोग खरीफ में धान की फसल की कटाई करते समय अनिवार्य रुप से करें तथा उपरोक्त यंत्रों के बिना कटाई करते हुए पकड़े जायेंगे तो उनकी कम्बाईन मशीन उनके क्षेत्र के फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए गठित टीम द्वारा जब्त कर ली जायेगी। अधिकारी ने किसानों को अवगत कराया है कि वह खरीफ में धान फसल की कटाई करते समय धान फसल के अवशेष को न जलायें। यदि किसी गांव में फसल अवशेष जलाने की घटनाएं घटित होती हैं तो संबंधित किसान को दण्डित किया जायेगा, साथ ही उस ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान एवं उस ग्राम के लेखपाल तथा अन्य ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी भी उत्तरदायी होंगे।
'सेटेलाइट के माध्यम से प्राप्त हो जाती है अवशेष जलाने के घटना'
अधिकारी ने बताया कि फसल अवशेष जलाने के घटना की सूचना सेटेलाइट के माध्यम से प्राप्त हो जाती है, जिस पर एनजीटी के नियमानुसार रुपये 2500 से रुपये जुर्माना अधिरोपित किया जायेगा तथा सुसंगत धाराओं में एफआईआर भी दर्ज कराई जायेगी। एनजीटी के नियमानुसार 2500 से रुपए 15000 तक जुर्माना अधिरोपित किया जाएगा तथा सुसंगत धाराओं में एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। जनपद में कुछ कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा पराली एकत्रीकरण का कार्य किया जाना है। किसानों से अपील है कि पराली को न जलाएं एवं इन संगठनों से सम्पर्क कर इनको पराली देना सुनिश्चित करें।