Edited By Purnima Singh,Updated: 15 Feb, 2025 02:02 PM
रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के प्रांगण में किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि से जोड़ने एवं बदलते मौसम के कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पर जागरूकता हेतु यह मेला अत्यंत उपयोगी है। मुख्य अतिथि कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, उत्तर...
झांसी (शहजाद खान) : रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के प्रांगण में किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि से जोड़ने एवं बदलते मौसम के कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पर जागरूकता हेतु यह मेला अत्यंत उपयोगी है। मुख्य अतिथि कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार सूर्यप्रताप शाही, कुलपति बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय, डॉ. मुकेश पांण्डे, कृषि आयुक्त, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार डॉ. पीके सिंह, सदर विधायक झाँसी रवि शर्मा, गरौठा विधायक जबाहरलाल राजपूत, गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, मऊरानीपुर विधायक रश्मि आर्य, उत्तर प्रदेश विधान परिषद् सदस्य रमा आरपी निरंजन, जिलाधिकारी झाँसी अविनाश कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक, झाँसी एलबी यादव ने संयुक्त रूप से तीन दिवसीय श्जलवायु समावेशी कृषिश् विषय पर श्किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनीश् का सभी अतिथियों ने फीता काटकर उद्घाटन किया।
कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्जवलन एवं विवि कुलगीत की प्रस्तुति के साथ हुई। कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि सूर्यप्रताप शाही जी को स्मृति चिन्ह अंगवस्त्र उड़ाकर स्वागत सम्मान किया। सभी अतिथियों का स्वागत परिचय निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. सुशील कुमार सिंह ने किया एवं मेले की रूपरेखा प्रस्तुत की।
कुलपति ने कृषि मंत्री को किया धन्यवाद
कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए सभी को आगे आना है। कृषि मंत्री अस्वस्थ होते हुए भी इस कार्यक्रम में आए उनका में विवि की तरफ से में धन्यवाद देता हूँ। बुंदेलखण्ड क्षेत्र में बर्षा कभी ज्यादा, कभी कम होती है। इससे यहां खेती पर बहुत प्रभाव पड़ा है। झाँसी में उर्द व तिल की खेती ज्यादातर खराब हो जाती है। यह तीन दिवसीय किसान मेला इन्हीं समस्याओं को दृष्टिगत करते हुए लगाया गया है। इस मेले में किसानों को सभी लाभकारी फसलों, पशुओं की जानकारी, कृषि के आधुनिक मॉडल, आईसीएआर के 14 - 15 संस्थानों के स्टॉल, जैबिक खाद, राइज इक्यूवेशन केन्द्र, नाबार्ड, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, कृषक उपकरण, बीज केन्द्र, विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्र, 6 कृषि विवि, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, धानुका एग्रीटेक एवं बलिनी सहित 112 स्टॉल लगाकर किसानों को लाभप्रद विविध जानकारियां दी जा रहीं हैं।
विवि बुंदेलखण्ड के कृषकों के उत्थान के लिए कार्य कर रहा
यह बड़ा अवसर किसानों को मिला है। इस मेले में किसान विभिन्न तकनीकों की जानकारी ले सकते हैं। यह विवि द्वारा लगाया गया तीसरा मेला है। कृषि विवि झांसी ने किसानों के खेतों तक 4000 प्रथम पंक्ति प्रदर्शन के माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जागरूक करने का काम किया है। कृषि विश्वविद्यालय के दतिया स्थित मात्स्यकी, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान दोनों महाविद्यालय प्रारम्भ हो गए हैं। यह विवि बुंदेलखण्ड के कृषकों के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है। विवि में राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों का चयन किया गया है। दो प्रयोगशालाएं विवि में बनने जा रही हैं जिनका लाभ किसानों एवं अन्य लोगों को भी मिलेगा। उन्होंने किसानों से आवाहन किया कि विवि में हो रही एकीकृत प्रणाली खेती, पॉली हाऊस, रबी फसलों व अन्य विधाओं के प्रदर्शन इकाइयों का भ्रमण करके जानकारी प्राप्त करें।
किसानों की प्रगति निश्चित ही सम्भव
गौ सेवा आयोग उ0प्र0 के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्राकृतिक खेती पर विशेष जोर दिया है इस पर उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखण्ड में श्रीअन्न की खेती एवं गौ आधारित प्राकृतिक खेती का हब बनाने जा रही है। इससे किसानों की प्रगति निश्चित ही सम्भव हो सकेगी। बुंदेलखण्ड के किसानों का नाम देश विदेश में जाना जाएगा। श्याम बिहारी गुप्ता ने किसान खेत पर, खेत पर मेढ़, मेढ़ पर पेड़, गौवंश खेत पर, गोबर एवं खेत कचरा जलने नहीं देंगे, परिवार जनों की थाली में हो जहरमुक्त भोजन, गौआधारित खेती एवं कुटीर उद्योग पर किसानों को विस्तृत जानकारी दी।
मऊरानीपुर विधायक रश्मि आर्या ने कहा कि कृषि विवि द्वारा आयोजित यह मेला किसानों को कम लागत में ज्यादा पैदावार कैसे करें इसकी जानकारी किसान मेले से अवश्य लें। केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चला रही है। किसान इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वैज्ञानिक नई तकनीकें पहुंचाएं
कृषि आयुक्त, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार डॉ. पीके सिंह ने कहा कि भारत में जबसे कृषि परम्परा प्रारम्भ हुई है, तबसे हम सबको प्रकृति के अनुसार जीवन-यापन करना पड़ता है। सबसे ज्यादा भारत में चावल पैदा होता है। हमारी संस्कृति ने चावल को प्रकृति से 1 लाख से ज्यादा किस्में उपलब्ध कराई हैं। देश में 2600 साल से काला नमक चावल की खेती हो रही है। किसानों को पता है, प्रकृति के साथ खेती कैसे करना है। वर्तमान में लगातार मौसम परिवर्तन हो रहा है। इसमें भारत सरकार ने कई नई किस्में तैयार की हैं, जो किसानों को मौसम परिवर्तन से होने वाले नुकसान से बचा सकेंगी। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि वैज्ञानिक नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाएं। डॉ. सिंह ने कृषि वैज्ञानिकों से आवाहन किया कि प्रयोगशाला से खेत तक की सभी जानकारी इस मेले में किसानों को दें। यह मेला किसानों के लिए निश्चित ही लाभकारी होगा। सभी किसान इस मेले से लाभकारी जानकारी अवश्य लें। कृषि मंत्री शाही जी ने किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी 2025 स्मारिका, जलावायु समावेशी कृषि, प्राकृतिक खेती और पलाश बुंदेलखण्ड की स्थायी आजीविका का साधन नामक चार पुस्तकों एवं बुंदेलखण्ड आधारित कृषि कैलेंडर का विमोचन किया गया।
कृषि मंत्री ने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया
कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश सूर्यप्रताप शाही जी ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के छः प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। इसमें तुलसी खेती में पुष्पेन्द्र यादव मऊरानीपुर, दलहन में आजाद कुमार बिरगुवां झाँसी, बीज उत्पादन में श्री भगवत अहिरवार दुर्गापुर दतिया, उद्यानिकी में विनोद तिवारी, चन्द्रा झाँसी, तिलहन में सूरज सिंह यादव हरदुआं, जालौन, 150 प्रकार के बीज संग्रह में लहरी बाई जिला डिंडौरी, मध्य प्रदेश को शॉल, प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
सरकार ने 5 गुना से भी ज्यादा का बजट किसानों के लिए रखा
मुख्य अतिथि कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार सूर्य प्रताप शाही जी ने भारत माता की जय, जय विज्ञान, जय अनुसंधान का नारा लगाकर कहा कि झाँसी में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का होना बड़े गर्व की बात है। इस विवि का शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। हम सब ताली बजाकर उनको सम्मान दें। सरकार ने 5 गुना से भी ज्यादा का बजट किसानों के लिए रखा है। जिससे किसानों को अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि विज्ञान अनुसंधान और किसान को आगे बढ़ाने का काम प्रधामंत्री जी के नेतृत्व में बहुत तेजी से आगे बढ़ा है। बुंदेलखण्ड क्षेत्र में जल संकट, किसान कर्ज जैसे मुदद्ों पर भारत सरकार ने सकारात्मक कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, सोलर पम्प जैसी योजनाओं से करोड़ों किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने प्रगतिशील किसान लहरी बाई के प्रयायों की भी सराहना की। जिन्होंने मोटे अनाजों के बीजों का संरक्षण किया। कृषि मंत्री ने बंुदेलखण्ड क्षेत्र में कृषि विविधीकरण एवं मूल्य संवर्धन की जरूरतों पर बल दिया।
भारत सरकार की परियोजना के अर्न्तगत खेती को बढ़ावा दिया जा रहा
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में दलहन, तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बड़ी है। पिछले 10 वर्षों में दलहनी एवं तिलहनी फसलों में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है। तुलसी की खेती की चर्चा करते हुए उन्होंने किसानों को इस ओर आगे बढ़ने की बात कही। बुंदेलखण्ड क्षेत्र में पैदा की जा रही तुलसी देश भर की ओर्गेनिक चाय एवं अन्य उत्पादों में प्रयोग की जा रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की परियोजना के अर्न्तगत प्राकृतिक, गौ, ओर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। बुंदेलखण्ड के किसानों के लिए सरकार ने 236 करोड़ 73 लाख रूपए की मूंगफली बुंदेलखण्ड से खरीद की है। आज इस मंच पर किसान का बेटा कुलपति, किसान का बेटा कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश एवं किसान का बेटा भारत सरकार कृषि मंत्री है। हम सबको किसान होने का गर्व करना चाहिए। हमें चना, मटर, मसूर, धान, गेहूँ, जौ, कठिया गेहूँ, सरसों को लगाना है। इन सबको सर्मथन मूल्य मिल रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि बुंदेलखण्ड को तिलहन एवं दलहन का हब बनाना है। इस वर्ष पूरे प्रदेश में 11 लाख किसानों को झाँसी जिले में 1 लाख किसानों को निशुल्क तिलहन का बीज दिया गया। कृषि विवि में जो दो लैव का शिलान्यास हुआ है इनमें 2500 करोड़ की लागत आई है। उन्होंने किसानों से आवाहन किया कि प्राकृतिक खेती अवश्य करें। राज्य सरकार की ओर से झाँसी को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग एवं कृषि विवि की भी जिम्मेदारी रहेगी। विवि के इसमें विशेष रूप से कार्य करना होगा। उत्तर प्रदेश सरकार 27 जिलों में एग्री प्रोजेक्ट ला रही है इसमें 1300 करोड़ उ0प्र0 सरकार का एवं 2700 करोड़ विश्व बैंक का रहेगा। इससे बुंदेलखण्ड का पिछड़ापन दूर होगा।
कृषि मंत्री ने विवि में श्री अन्न उत्कृष्ठता केन्द्र खाद परीक्षण एवं प्रसंस्करण, जैविक एवं प्राकृतिक खेती उत्कृष्ठता केन्द्र कृषि उत्पाद परीक्षण प्रयोगशाला का शिलान्यास किया। इसकी लॉचिंग बुंदेलखण्ड से ही होगी। इस वर्ष सरकार गेहूँ 2400 से 2500, जौ 1980, चना 5650 मसूर 6700 रूपये में खरीद रही रही है। प्राकृतिक खेती कलस्टर की तरह सोलर कलस्टर बनाएंगे इसमें 80 प्रतिशत सरकार का 20 प्रतिशत किसान का होगा। 20 हैक्टेयर में लगाने का खर्च एक किसान का 1 लाख 60 हजार रूपया आएगा। किसान मौसम प्रतिरोधी फसलों को लगाएं पशुओं को खेत पर बांधें खेत पर छुट्टा न छोड़ें।