Lok Sabha elections 2024: चुनाव ड्यूटी के लिए आए होमगार्ड जवान की मौत, हार्ट अटैक से मौत की आशंका

Edited By Ramkesh,Updated: 24 May, 2024 03:11 PM

death of home guard soldier who came for election duty fear

लोकसभा चुनाव ड्यूटी में सुलतानपुर आए होमगार्ड जवान की बृहस्पतिवार की रात मौत हो गयी। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार मृतक जवान पवन कुमार (48) मेरठ जिले का निवासी बताया गया है। पुलिस ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि कोतवाली...

सुलतानपुर: लोकसभा चुनाव ड्यूटी में सुलतानपुर आए होमगार्ड जवान की बृहस्पतिवार की रात मौत हो गयी। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार मृतक जवान पवन कुमार (48) मेरठ जिले का निवासी बताया गया है। पुलिस ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि कोतवाली देहात क्षेत्र अंतर्गत अयोध्या-प्रयागराज हाईवे किनारे महर्षि विद्या मंदिर में सुरक्षा कर्मियों की टोली रुकी हुई थी।

कोतवाली देहात के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बृहस्पतिवार की रात होमगार्ड जवान की तबीयत खराब होने पर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसको मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। आशंका जताई जा रही है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई। एसएचओ ने कहा कि पोस्टमार्ट रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण का पता चल सकेगा। फिलहाल मृतक जवान के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है।  पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।  

जानिए क्या मितली है सुविधाएं 
भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु या गंभीर चोटों के मामले में मतदान/सुरक्षा कर्मियों के परिजन को अनुग्रह राशि का प्रावधान है। इसमें चुनाव संबंधी सभी प्रकार की ड्यूटी में तैनात सभी कार्मिक, सीएपीएफ, एसएपीएस, राज्य पुलिस, होम गार्ड के सभी सुरक्षाकर्मी, कोई भी निजी व्यक्ति जैसे ड्राइवर, क्लीनर आदि जिसे चुनाव ड्यूटी के लिए नियुक्त किया गया हो और बीईएल/ईसीआईएल इंजीनियर भी शामिल हैं, जो प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी), ईवीएम कमीशनिंग, मतदान दिवस और मतगणना दिवस ड्यूटी में लगे हुए हैं।

कार्यालय छोड़ते ही चुनाव ड्यूटी पर होना माना जाता है कर्मचारी 
आयोग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि किसी व्यक्ति को प्रशिक्षण सहित किसी भी चुनाव संबंधी कार्य के लिए रिपोर्ट करने के लिए निवास/कार्यालय छोड़ते ही चुनाव ड्यूटी पर होना माना जायेगा, जब तक वह अपने कार्य प्रदर्शन के बाद अपने निवास/कार्यालय वापस नहीं पहुंच जाता। यदि इस अवधि के दौरान कोई दुर्घटना होती है, तो इसे चुनाव ड्यूटी पर हुई घटना के रूप में माना जायेगा। बीईएल/ईसीआईएल इंजीनियरों के लिए, प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) ड्यूटी की अवधि और वह अवधि जिसके लिए अधिकारी को कमीशनिंग, मतदान/मतगणना व्यवस्था के लिए प्रतिनियुक्त किया जाता है, को चुनाव ड्यूटी अवधि में माना जाएगा।

सामान्य मौत पर 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की योजना 
निर्वाचन ड्यूटी के दौरान अगर मौत उग्रवाद या असामाजिक तत्वों के किसी हिंसक कृत्य जैसे सड़क पर खदान, बम विस्फोट, सशस्त्र हमले में मौत होती है, तो 30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि कर्मचारी के परिजन को मिलेगी। इसके अलावा किसी अन्य कारण से मृत्यु होने पर 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी। चरमपंथी या असामाजिक तत्वों की संलिप्तता के कारण स्थायी विकलांगता होती है तो 15 लाख रुपये और गंभीर चोट के परिणामस्वरूप स्थायी विकलांगता, जैसे अंग की हानि, आंख की दृष्टि, आदि के मामले में 7.5 लाख रुपये दिये जायेंगे। अनुग्रह राशि का भुगतान गृह मंत्रालय द्वारा उसके मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत पहले से ही भुगतान किया जता है, मुआवजे और राज्य सरकार या किसी नियोक्ता द्वारा भुगतान किए गए किसी भी अन्य मुआवजे के अतिरिक्त होगा। अनुग्रह राशि का भुगतान बिना किसी अनावश्यक देरी के शीघ्र किया जाता है। 

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