Edited By Mamta Yadav,Updated: 28 Jun, 2022 09:47 PM
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये जमीनी स्तर तक जाकर लोगों की समस्याओं को जानने और उनके समाधान से जुड़े उत्पाद तैयार करने के लिये शोधकर्ताओं, विश्वविद्यालयों और उद्योगों के बीच संपर्क...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये जमीनी स्तर तक जाकर लोगों की समस्याओं को जानने और उनके समाधान से जुड़े उत्पाद तैयार करने के लिये शोधकर्ताओं, विश्वविद्यालयों और उद्योगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया है।
राज्यपाल ने मंगलवार को उद्योग मंडल 'एसोचैम' द्वारा आयोजित दो दिवसीय उत्तर प्रदेश एमएसएमई सम्मेलन-2022 के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाना है तो हमें जमीनी स्तर तक जाकर समस्याओं को देखना होगा और उनके निराकरण की दिशा में योजनायें और उत्पाद तैयार करने होंगे। उन्होंने कहा, ''उद्योगों, विश्वविद्यालयों और शोधकर्ताओं के बीच आपस में कोई संपर्क नहीं है, किसी को पता नहीं है कि किस चीज की आवश्यकता है। विश्वविद्यालयों को शोध और नवोन्मेष के लिये उद्योगों की तरफ से कोई परियोजना नहीं मिलती है। किसको क्या चाहिये हमें मिलकर चर्चा करनी चाहिये। तभी आगे बात बढ़ेगी।''
विश्व एमएसएमई दिवस के अवसर पर आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में देश-विदेश के कई उद्यमियों ने भाग लिया। राज्यपाल ने कहा कि छोटे उद्योग अपनी खुद की शोधशाला नहीं बना सकते हैं, उनके पास इसके लिये संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे में उनका उद्योगों के साथ जुड़ाव जरूरी है तथा उन्हें विश्वविद्यालयों के साथ जोड़ना चाहिये। एसोचैम की राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के चेयरमैन कुंवर शेखर विजेंन्द्र, रेकिट के रवि भटनागर और एसोचैम की डब्ल्यूटीओ समिति के सह-अध्यक्ष रवि गुप्ता ने भी अपने विचार रखे।