Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 22 May, 2020 04:55 PM
कोरोना संकट के दौरान लागू देशव्यापी लॉकडाउन में भले ही यातायात के सभी साधन बंद हैं मगर श्रमिकों के मुद्दे को लेकर राजनीति बस पर सवार हो गई है। इसके साथ ही कांग्रेस और भाजपा के बीच शुरू हुई इस जंग में बसपा और सपा...
प्रयागराजः कोरोना संकट के दौरान लागू देशव्यापी लॉकडाउन में भले ही यातायात के सभी साधन बंद हैं मगर श्रमिकों के मुद्दे को लेकर राजनीति बस पर सवार हो गई है। इसके साथ ही कांग्रेस और भाजपा के बीच शुरू हुई इस जंग में बसपा और सपा ने भी इसे रफ्तार दे दिया है। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को खून से खत लिखकर भाजपा सरकार पर द्वेष की भावना से राजनीति करने का आरोप लगाया है।
बता दें कि कांग्रेसियों ने नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक आवास आनंद भवन के बाहर पहले निडिल से खून निकाला और इसके बाद उससे खत लिखकर इस मामले में भेदभाव व उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति से दखल दिए जाने की मांग की है। इसके साथ ही मौजूदा सरकार पर द्वेष की भावना से राजनीति करने का आरोप लगाया है।
राष्ट्रपति को भेजी गई खून भरी चिट्ठी में कहा गया है कि बीजेपी की सरकारें कोरोना की इमरजेंसी में भी सियासत कर रही हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव व उत्पीड़न कर रही हैं। दलील यह दी गई कि प्रवासी मजदूर बेबसी की ज़िंदगी जी रही हैं। सैकड़ों किलोमीटर का सफर उन्हें पैदल तय करना पड़ रहा है। प्रियंका गांधी ने जब एक हज़ार बसों का इंतजाम किया तो उनका इस्तेमाल करने के बजाय सियासी तीर चलाए जा रहे हैं। पहले प्रियंका गांधी के निजी सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और फिर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इतना ही नहीं पीएम केयर फंड के बारे में सवाल उठाने पर कर्नाटक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी। राष्ट्रपति से सोनिया गांधी व अजय लल्लू के खिलाफ दर्ज मुक़दमे भी रद्द किये जाने की मांग की गई है।