Edited By Ajay kumar,Updated: 20 Jul, 2022 06:38 PM

जल शक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक द्वारा लगाए गए आरोप पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि मंत्री दिनेश खटीक से रोजाना बातचीत होती रहती है, वह नाराज नहीं हैं। उन्होंने...
लखनऊ: जल शक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक द्वारा लगाए गए आरोप पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि मंत्री दिनेश खटीक से रोजाना बातचीत होती रहती है, वह नाराज नहीं हैं। उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया है और अगर कोई बात होगी भी, तो बैठकर सुलझा लिया जाएगा।
दिनेश खटीक का पार्टी और सरकार में पूरा सम्मान
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि राज्य मंत्री दिनेश खटीक का पार्टी और सरकार में पूरा सम्मान है। उनकी हर बात को गंभीरता से लिया जाता है। इसके बावजूद अगर कहीं कोई बात है, तो उस पर चर्चा कर ली जाएगी और उसका समाधान निकाल लिया जाएगा।
विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं
उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सपा मुखिया के पास कोई मुद्दा नहीं है वह इसे तिल का ताड़ बना रहे है। अपने सौ दिनों के कार्यकाल में सरकार ने सफलतापूर्वक तमाम उपलब्धियां दर्ज की हैं। इससे हताश होकर सपा मुखिया मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं।
क्या कहा था अखिलेश यादव ने?
बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफा देने का पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ तो योगी सरकार की चुटकी लेते हुए उन्होंने ट्वीट किया था। अखिलेश यादव ने कहा कि, 'जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिलेज् ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है। कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है।'
दलित मंत्री की उपेक्षा अति-निन्दनीय-मायावती
मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, च्च्उत्तर प्रदेश भाजपा मंत्रिमण्डल के भीतर भी दलित मंत्री की उपेक्षा अति-निन्दनीय व दुर्भाग्यपूर्ण। ऐसी खबरें राष्ट्रीय चर्चाओं में। सरकार अपनी जातिवादी मानसिकता व दलितों के प्रति उपेक्षा, तिरस्कार, शोषण व अन्याय को त्याग कर उनकी सुरक्षा व सम्मान का ध्यान रखने का दायित्व जरूर निभाए।''
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि दिनेश खटीक ने मंगलवार को अपनी शिकायतों से गृह मंत्री अमित शाह को अवगत कराते हुए एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने विभाग के अधिकारियों द्वारा उनकी निरंतर उपेक्षा किये जाने और विभाग में भ्रष्टाचार होने की जानकारी देते हुए मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही है।