Edited By Ajay kumar,Updated: 09 Jul, 2023 03:36 PM
![cbi is looking for clues of the gang that cheated foreign nationals](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2023_5image_14_33_121271592cbi-ll.jpg)
हैकरों के जरिए विदेशी नागरिकों को चूना लगाने वालों की जड़ें दिल्ली से लेकर यूपी के कानपुर तक फैले होने की जानकारी के बाद सीबीआई ने ऐसे तत्वों की पहचान करना शुरू कर दिया है। सीबीआई को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ठगी कर रहे गिरोह के यूपी लिंक की जानकारी...
लखनऊ: हैकरों के जरिए विदेशी नागरिकों को चूना लगाने वालों की जड़ें दिल्ली से लेकर यूपी के कानपुर तक फैले होने की जानकारी के बाद सीबीआई ने ऐसे तत्वों की पहचान करना शुरू कर दिया है। सीबीआई को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ठगी कर रहे गिरोह के यूपी लिंक की जानकारी पिछले दिनों एक अमेरिकी महिला को चार लाख डालर का चूना लगाए जाने के मामले की पड़ताल के दौरान हुई। सीबीआई के दिल्ली मुख्यालय में बीती चार जुलाई को इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई। इसमें दिल्ली के चार व यूपी के कानपुर के एक व्यक्ति को नामजद किया गया। अमेरिका की नागरिक लीसा राथ को जिस तरीके से चूना लगाया गया वह चौंकाने वाला है। जालसाजों ने यहां से इस अमेरिकी महिला का लैपटाल हैक कर लिया।
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लैपटाप हैक कर अमेरिका महिला के खाते से उड़ाने 4 लाख डालर
सीबीआई ने जो मुकदमा दर्ज किया है उसमें कहा गया है कि लीसा का लैपटाप हैक करने के बाद जालसाजों ने खुद को मल्टी नेशनल साफ्टवेयर कंपनी का प्रतिनिधि बन कर झांसा दिया और महिला की सेवा निवृत्ति खाते से वायर ट्रांसफर के जरिए चार लाख डालर उसके एक अन्य खाते में ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद ठगों ने महिला के नाम से ओक्वायन खाता खुलवा लिया था और महिला को बहला कर उससे जून 2022 में इस खाते में रकम डलवा ली। इसके बाद इसे क्रिप्टो करेंसी में परिवर्तित कर अपने अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया। कुछ दिन बाद जब लीसा ने अपना खाता चेक किया तो पाया कि उसे चार लाख डालर का चूना लगा दिया गया है। इसकी शिकायत हुई और सीबीआई ने जांच शुरू की।
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जालसाजों का नेटवर्क काफी बड़ाः सीबीआई
सीबीआई ने इस सिलसिले में कुछ दिनों पहले दिल्ली के दिलशादबाग समेत अन्य स्थानों व कानपुर के किदवईनगर में छापे मार कर आरोपियों के यहां से लैपटाप, मोबाईल फोन व हार्ड डिस्क आदि कब्जे में ले लिया। मामले की जांच करने वाली सीबीआई की टीम को संकेत मिले हैं कि जालसाजों का नेटवर्क खासा बड़ा है। इस गिरोह से कुछ तकनीक विशेषज्ञ जुड़े हुए हैं। जो विदेशी नागरिकों को निशाना बनाने में सहयोग करते रहते हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों यूपी एसटीएफ ने भी कुछ ऐसे मामलों का भंडाफोड़ किया था।