कोयले की तरह काला हो जाता शरीर, उंगलियां टेढ़ी...रहस्यमयी बीमारी से दहशत में गांव, एक की मौत

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 Jan, 2023 05:54 PM

body turns black like coal fingers crooked village

यूपी के शाहजहांपुर के बड़ागांव में एक परिवार के 8 लोगों को रहस्यमयी बीमारी हो गई है। जिसने पूरे गांव में दहशन मचाई हु...

शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर के बड़ागांव में एक परिवार के 8 लोगों को रहस्यमयी बीमारी हो गई है। जिसने पूरे गांव में दहशत मचाई हुई है। बीमारी के लक्षणों की बात करें तो ऐसी बीमारी में लोगों के शरीर का रंग लगातार काला पड़ता जा रहा है। शरीर में जलन हो रही है। हाथ-पैर की उंगलियां टेढ़ी हो रही हैं। कुछ समय बाद हाथ-पैर की नर्व डैमेज हो जाती है फिर वो काम करना बंद कर देते हैं। बीमारी एक-दूसरे में तेजी से फैल भी रही है। चिंता की बात ये है कि इस बीमारी से 16 जनवरी को परिवार की एक बेटी की मौत हो गई है। जबकि बाकी अस्पताल में भर्ती हैं। 
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गांव लोगों ने रोगी परिवार को किया अछूत करार 
दरअसल, गांव लोगों ने रोगी परिवार को अछूत करार दे दिया है। सभी जिला अस्पताल में भर्ती हैं। यहां भर्ती 34 साल के श्रीपाल को यह गंभीर बीमारी है। वह कहते हैं, “मैं अपने गांव के चौराहे पर चाट-समोसे बेचता हूं। 6 महीने पहले मुझे खुजली हुई। मैंने गांव के ही डॉक्टर से दवाई ली। आराम नहीं मिला। फिर धीरे-धीरे खुजली बढ़ती गई। हाथ-पैर में कंकड़ जैसे काले-सफेद दाने निकलने लगे। दानों से पानी निकलने लगा। फिर वो दाने और बड़े होते गए। काले पड़ने लगे।
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खुजली से शुरू हुई बीमारी 
श्रीपाल ने आगे कहा कि मेरी बीमारी के कुछ दिनों बाद मेरी 15 साल की बहन को भी इसी यही बीमारी हो गई। हमारे घर में ओढ़ने-बिछाने की कम चीजें हैं। सब एक दूसरे के बिस्तर में सो जाते हैं। शायद इसीलिए ये बीमारी उसको लग गई। धीरे-धीरे बहन की बीमारी बढ़ती गई और फिर 2 महीने के अंदर ही उसकी मौत हो गई। आखिरी समय में वो घिसट- घिसट कर चलने को मजबूर हो गई थी। श्रीपाल ने रोते हुए कहा, उसकी मौत मेरे फैलाए इन्फेक्शन की वजह से ही हुई है। आगे बताया कि मेरी बहन के साथ पिता सियाराम भी इस बीमारी से ग्रसित हो गए। इसके बाद मेरी मां बीमार हो गई। उनके पूरे शरीर में खुजली होनी शुरू हुई। फिर हाथ की गदेली और पैर के तलवों में सफेद चित्ते बनने लगे। धीरे-धीरे वो चित्ते काले पड़ने लगे। हाथ पैर की उंगलियां टेढ़ी होने लगीं। गांव के डॉक्टर के बाद हमने पास के कस्बे पुवायां में डॉक्टर को दिखाया लेकिन आराम नहीं मिला। आज वो जमीन पर घिसट-घिसट कर चलने को मजबूर हैं।"

हम सब मर जाएंगे हमें बचा लो- मरीज
श्रीपाल ने बताया कि इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद हम किसी काम के नहीं बचे। हम सबके बाद मेरा छोटा भाई अवधेश ही पूरे घर की जिम्मेदारी उठा रहा था। लेकिन, कुछ दिनों बाद उसमें भी इसके लक्षण दिखने लगे। जब उसका शरीर कमजोर पड़ना और उंगलियां हल्की टेढ़ी होनी शुरू हुईं तो फिर वो हम सबको लेकर बाराबंकी आया। कुछ दिन एक प्राइवेट डॉक्टर से इलाज करवाया लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ।" नवंबर के महीने में हम सबके बाद मेरी 11 साल की छोटी बहन सीमा, 5 साल का बेटा अनुज और 4 साल की बेटी रीमा भी इंफेक्टेड हो गई है। उनको भी तेज खुजली होनी शुरू हुई अब सबके शरीर काले पड़ने लगे हैं। उंगलियां टेड़ी होने लगी हैं। मेरे बच्चे बहुत परेशान हैं। उन्होंने अब खेलना भी बंद कर दिया है। दिनभर बेबस से पड़े रहते हैं। हम सब मर जाएंगे हमें बचा लो।" श्रीपाल ने कहा कि हमारे पास 2 बीघा जमीन है। जितने भी पैसे जमा थे दवाइयों में सारे खर्च हो गए। 

क्या कह रहे हैं डॉक्टर? 
शाहजहांपुर हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट में पदस्थ स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. अभिनव ने बताया कि इन मरीजों की कई जांचें की गई हैं। इनमें एक साथ कई तरह की बड़ी स्किन बीमारियों के लक्षण दिख रहे हैं। इनको पेरिफेरल न्यूरोपैथी है। एक जांच से इनको अलग तरह के कुष्ठ रोग की पुष्टि भी हुई है। इनमें क्रोनिक आर्सनिक पॉइजिनिंग के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं। ये सब बीमारियां एक दूसरे में फैलती नहीं हैं। लेकिन इस केस में शायद ये परिवार के सदस्यों में आपस में फैल भी रही है। बीमारी में मरीज के नाखून तक काले पड़ रहे हैं।"

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