BJP की दिल्ली में कल बड़ी बैठक: यूपी उपचुनाव की रणनीति पर हो सकता है मंथन, योगी समेत दोनों डिप्टी सीएम होंगे शामिल

Edited By Ramkesh,Updated: 12 Oct, 2024 05:32 PM

bjp s big meeting in delhi tomorrow strategy for up by election may

हरियाणा विधानसभा में प्रचंड जीत के बाद भारतीय जतना पार्टी उत्तर प्रदेश में होने वाले उप विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बना रही है। इसे लेकर पार्टी ने दिल्ली में कल एक बड़ी बैठक बुलाई है। जिसमें यूपी उपचुनाव में प्रत्याशियों के नाम और 10 सीटों पर जीत...

लखनऊ: हरियाणा विधानसभा में प्रचंड जीत के बाद भारतीय जतना पार्टी उत्तर प्रदेश में होने वाले उप विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बना रही है। इसे लेकर पार्टी ने दिल्ली में कल एक बड़ी बैठक बुलाई है। जिसमें यूपी उपचुनाव में प्रत्याशियों के नाम और 10 सीटों पर जीत की रणनीति पर मंथन होगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल शामिल होंगे।

इन विधानसभा सीटों पर होना है उपचुनाव

1. करहल सीट- मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायक थे। कन्नौज से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दिया। इसके बाद यह सीट खाली हो गई है।

2. कटेहरी सीट-  अम्बेडकर नगर की कटेहरी विधानसभा सीट से लालजी वर्मा विधायक थे। वह अंबेडकर नगर से लोकसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल करने में कामयाब हुए। कटेहरी सीट पर 2012 में सपा और 2017 में बसपा को जीत मिली थी। लालजी वर्मा यूपी चुनाव 2022 में निषाद पार्टी को इस सीट पर हराने में कामयाब हुए थे।

3. मिल्कीपुर सीट- अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा सीट से सपा के सीनियर नेता अवधेश प्रसाद विधायक थे। फैजाबाद से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है। इस सीट पर ब्राह्मणों और दलितों का बढ़िया प्रभाव है।
4.मीरापुर सीट- मीरापुर विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान विधायक थे। उनके सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई है। 2012 में यह सीट बसपा और 2017 में बीजेपी ने जीती थी। इस सीट पर जाट और मुसलमानों का प्रभाव दिखता है।

5.गाजियाबाद सीट- गाजियाबाद विधानसभा सीट से भाजपा के अतुल गर्ग विधायक थे। गाजियाबाद लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज कर वे संसद तक पहुंच चुके हैं। इसके बाद ये सीट खाली हुई है। 2012 में यह सीट बसपा और 2017 में भाजपा ने जीती थी।

6.मझावां सीट- मझावां विधानसभा सीट पर निषाद पार्टी का कब्जा था। विनोद कुमार बिंद यहां से विधायक थे। विनोद कुमार बिंद के भदोही सीट से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हुई है। 2012 में यह सीट बसपा और 2017 में भाजपा ने जीती थी। यह बीजेपी की मजबूत सीट मानी जाती है।

7.खैर सीट- अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर BJP से अनूप सिंह विधायक थे लेकिन अब वह हाथरस से लोकसभा चुनाव जीतकर  सांसद बन चुके हैं...2012 में यह सीट रालोद और 2017 में बीजेपी ने जीती थी। इस सीट पर जाट, ब्राह्मण, दलित और मुसलमानों का अच्छा प्रभाव दिखता है।

8.फूलपुर सीट- फूलपुर विधासभा सीट पर BJP से प्रवीण पटेल विधायक थे, सांसदी के चुनाव में वह भी सांसद बन गए। इसके बाद यह सीट खाली हुई थी। 2012 में यह सीट सपा और 2017 में बीजेपी ने जीती थी। इस सीट पर यादव और दलितों का अच्छा प्रभाव है।

9.कुंदरकी सीट- कुंदरकी विधानसभा सीट से जिया उर रहमान बर्क विधायक थे। वह संभल लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। इसके बाद यह सीट खाली हो गई है। इसे सपा की मजबूत सीट माना जाता है। सपा इस सीट पर 2012, 2017 और 2022 चुनाव में जीत दर्ज की।

10.सीसामऊ सीट-  सीसामऊ विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा था। यहां से सपा विधायक इरफान सोलंकी को कोर्ट ने दोषी घोषित किया। सजा के ऐलान के बाद जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनकी विधायकी चली गई है। इसे सपा की बहुत मजबूत सीट माना जाता है।

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