भाजपा नेता का बड़ा दावा, रालोद के मतदाता आज भी BJP की ओर आकर्षित

Edited By Ramkesh,Updated: 13 Aug, 2023 05:44 PM

bjp leader s big claim rld voters are attracted towards bjp today

RLD उत्तर प्रदेश सरकार के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि 2009 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने पांच सीट जीती थीं, लेकिन गठबंधन...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि 2009 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने पांच सीट जीती थीं, लेकिन गठबंधन से हटने के बाद के आम चुनाव में रालोद को एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी। अग्रवाल ने दावा किया कि रालोद के मतदाता आज भाजपा की ओर आकर्षित हैं। उन्होंने कहा, "इसका मतलब यह है कि रालोद के लिए भाजपा के साथ गठबंधन सबसे फायदेमंद साबित हुआ है।" उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल की शुरुआत में होने वाले लोकसभा चुनाव में वे (रालोद) भाजपा के साथ गठबंधन करेंगे या नहीं, इसका फैसला भाजपा नेतृत्व और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी करेंगे। मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट से तीसरी बार निर्वाचित भाजपा नेता ने साक्षात्कार में कहा, ''यह (गठबंधन) मेरा काम नहीं है। हालांकि, मैं यह जरूर कहूंगा कि रालोद के मतदाता आज भाजपा की ओर आकर्षित हैं।

भाजपा ने रालोद को सम्मान और आरक्षण दिया
उन्होंने कहा कि भाजपा ने रालोद को सम्मान और आरक्षण दिया। मौजूदा समय में रालोद राज्‍य के मुख्‍य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में है। रालोद ने प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव भी सपा के साथ मिलकर लड़ा था और 403- सदस्यीय विधानसभा में रालोद के मात्र नौ विधायक हैं। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत चौधरी अजित सिंह के नेतृत्व में रालोद ने 2009 का लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ा था। भाजपा ने जहां 10 सीट जीती थीं, वहीं रालोद को पांच सीट मिली थीं। रालोद राज्य के पश्चिमी क्षेत्रों में केंद्रित पार्टी है। बाद में, रालोद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) में शामिल हो गई और अजित सिंह (तत्कालीन रालोद प्रमुख) केंद्रीय उड्डयन मंत्री बने। अग्रवाल ने यह भी कहा कि सामान्य तौर पर पश्चिमी उप्र और विशेष रूप से मुजफ्फरनगर में लोग राजनीतिक रूप से जागरूक हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के उम्मीदवार ने 2014 और 2019 का संसदीय चुनाव वहां से जीता था। अग्रवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा, “जहां तक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का सवाल है, वह लगातार कमजोर हुई है। बसपा के परंपरागत मतदाता भाजपा की ओर आकर्षित हो रहे हैं। (भले ही) भाजपा उनकी पहली पसंद नहीं हो, लेकिन दूसरी पसंद जरूर है।

देशभक्ति के जज्बे से ओत-प्रोत हैं पश्चिमी यूपी के युवा 
' उन्होंने कहा कि हर वर्ग के मतदाता देख रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें सुरक्षा और संरक्षण दिया है तथा उनके विकास एवं उन्हें सक्षम बनाने के लिए काम किया जा रहा है। वे (मतदाता) इसे देख रहे हैं।" अग्रवाल ने कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है और अब दलित समुदाय की बेटियां बीटेक और एमटेक कर रही हैं, वैज्ञानिक और प्रोफेसर बन रही हैं। मंत्री ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में युवा उत्साह से भरकर सेना में भर्ती होते हैं और वे देशभक्ति के जज्बे से ओत-प्रोत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पहले कश्मीर और असम से रोजाना शव (जवानों के) आते थे, क्योंकि रोजाना आतंकी घटनाएं होती थीं, आज उसके विपरीत आतंकवाद पर 95 फीसदी काबू पा लिया गया है। यह मोदी के सत्ता में आने के बाद हुआ है और यह उनका योगदान है।'' अग्रवाल ने कहा, "पश्चिमी उप्र के किसान देख रहे हैं कि मोदी जी के सत्ता में आने के बाद आतंकवाद खत्म हो गया है, (जवानों के) शव आने की संख्या न्यूनतम हो गई है और सीमा सुरक्षित हो गई है।

भाजपा के पास 80 प्रतिशत वोट शेयर
उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के बारे में कहा, ''इसका (‘इंडिया' का) उत्तर प्रदेश में कोई प्रभाव नहीं होगा और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलेगी। भाजपा के पास 80 प्रतिशत वोट शेयर है, जबकि बाकी लोग 20 प्रतिशत के लिए लड़ रहे हैं।'' इस सवाल पर कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि आगामी चुनाव में भाजपा का सफाया हो जाएगा, अग्रवाल ने कहा, ''उन्होंने (अखिलेश ने) पिछली बार (2022 विधानसभा चुनाव में) भी ऐसा ही कहा था, लेकिन जो सीट उनके (अखिलेश यादव) पास फिलहाल हैं, वे (सीट) भी उनके पास नहीं रहेंगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को पता चल गया है कि अखिलेश यादव किस तरह की राजनीति करते हैं, किस तरह के असामाजिक तत्वों ने उनसे हाथ मिला लिया है। यहां तक कि उनके अपने मतदाता भी उनसे नाखुश हैं।

कौशल विकास पर टिप्पणी करते हुए मंत्री ने कहा कि लखनऊ में (फरवरी 2023 में) आयोजित ‘ग्लोबल इन्वेस्टर समिट' के बाद, दुनिया भर से लोग यहां निवेश करने आ रहे हैं और यह स्वाभाविक है कि वरिष्ठ तकनीकी लोगों के अलावा उन्हें यहीं से युवाओं का चयन करना होगा। अग्रवाल ने कहा, "जिस संकल्प के साथ प्रधानमंत्री (नरेन्‍द्र मोदी) भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रहे हैं और मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में जब तक बच्चे कुशल नहीं होंगे, तब तक यह सपना साकार नहीं हो सकता है।'' उन्होंने कहा कि उनका विभाग तेज गति से काम कर रहा है, ताकि वे बच्चों को हुनरमंद बना सकें, उन्हें तकनीक से जोड़ सकें।
 

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