Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 11 Nov, 2022 06:39 PM

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने सभी चीनी मिलों के अब तक चालू नहीं होने का आरोप लगाते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपने किसान विरोधी रवैये के कारण सदैव ...
लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने सभी चीनी मिलों के अब तक चालू नहीं होने का आरोप लगाते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपने किसान विरोधी रवैये के कारण सदैव उद्योगपतियों के दबाव में रहकर निर्णय करती है। राय ने शुक्रवार को कहा कि अभी भी कुछ चीनी मिलों पर पिछले सत्र का गन्ना मूल्य बकाया है और नया सत्र प्रारम्भ हो चुका है।
अब तक मिलों के चालू न होने से किसानों के खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं और गेहूं की बुवाई पिछड़ रही है और इसका खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में किसानों को डीज़ल की मूल्य बढ़ोत्तरी के कारण सिंचाई की मंहगी लागत झेलने के साथ साथ खाद और बीज के लिए भी अधिक कीमत चुकानी पड़ी है। मगर सरकार ने गन्ना किसानों के हित में समर्थन मूल्य भी घोषित नहीं किया है जो किसान विरोधी होने का पुख्ता प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार लघु और सीमांत किसानों को साल में छह हजार सम्मान निधि देकर उनसे डीजल, रसोई गैस, अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतों के साथ साथ बिजली मूल्य के रूप में 18 हजार प्रति वर्ष वसूली करती है। रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार अपनी किसान विरोधी हठधर्मिता को छोडे़ और तत्काल बन्द चीनी मिलों को चालू कराये साथ ही गन्ने का समर्थन मूल्य भी कम से कम 100 कुन्तल की बढ़ोतरी के साथ घोषित करे ताकि किसानों के आंसू पुंछ सकें और वे भी अपने बच्चों की फीस तथा अन्य देयो का भुगतान कर सकें।