Edited By Deepika Rajput,Updated: 19 Oct, 2019 11:15 AM
हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या की पूरी कहानी खुलकर सामने आ गई है। भले ही कमलेश की हत्या लखनऊ में हुई है, लेकिन इसकी साजिश दुबई में रची गई थी। दुबई बेस राशिद पठान हत्या का मास्टरमाइंड है। दो महीने पहले साजिश को अंजाम देने वह भारत...
लखनऊः हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या की पूरी कहानी खुलकर सामने आ गई है। भले ही कमलेश की हत्या लखनऊ में हुई है, लेकिन इसकी साजिश दुबई में रची गई थी। दुबई बेस राशिद पठान हत्या का मास्टरमाइंड है। दो महीने पहले साजिश को अंजाम देने वह भारत आया था। हत्या के लिए उसने अपने भाई मोईनुद्दीन पठान और अशफाक शेख को तैयार किया। इन्हीं ने सूरत में मिठाई और चाकू खरीदा था।
हत्या के लिए सूरत से खरीदी गई थी पिस्टल: गुजरात ATS
गुजरात एटीएस ने दावा किया है कि कमलेश तिवारी की हत्या के लिए सूरत से पिस्टल खरीदी गई थी। गुजरात एटीएस ने बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या के लिए दुबई से आए शख्स ने दो लोगों को तैयार किया। सूरत से मिठाई खरीदने वाले दोनों ही शूटर थे। बता दें कि, कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उनके कमरे से घारी मिठाई का डब्बा मिला था। घारी सूरत की मशहूर मिठाई है। इस डब्बे में आरोपी हथियार लाए थे। जानकारी सामने आने के बाद सूरत पुलिस की टीम ने दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक भी किया था। जिसमें सूरत की एक दुकान से मिठाई खरीद रहे संदिग्धों की तस्वीर भी सामने आई।
घर में खून से लथपथ मिले थे कमलेश तिवारी
उल्लेखनीय है कि, कमलेश तिवारी नाका हिंडोला की खुर्शेद बाग स्थित अपने घर में खून से लथपथ पाए गए। दो लोग उनसे मिलने आए थे। इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पान लाने भेजा था। जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया। इस मामले में राज्य सरकार ने देर रात लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक एस के भगत की अगुवाई में 3 सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित कर दी है। लखनऊ के पुलिस अधीक्षक दिनेश पुरी और STF के क्षेत्राधिकारी पीके मिश्र इस टीम के अन्य सदस्य होंगे।
जांच में हाथ लगे अहम सुराग: डीजीपी ओपी सिंह
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि यह विशुद्ध आपराधिक घटना है। जिन लोगों ने कमलेश की हत्या की वह उनकी जान पहचान के बताए जा रहे हैं। वारदात से पहले उन लोगों ने उसके साथ करीब आधा घंटा गुजारा था। कमलेश को पिछले कई महीनों से सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही थी। घटना के समय एक सुरक्षाकर्मी कमलेश के घर के नीचे तैनात था, जिसने हत्यारों को रोका और कमलेश से पूछकर ही उन्हें घर के अंदर जाने दिया। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर कुछ अहम सुराग मिले हैं। मामले की जांच पड़ताल के लिए स्पेशल टास्क फोर्स की भी मदद ली जा रही है।