Edited By Ramkesh,Updated: 15 Nov, 2024 04:46 PM
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने आईजीआरएस प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण में लापरवाही बरतने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए 37 अधिकारियों के नवंबर माह के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। जिन अधिकारियों के वेतन आहरण पर रोक लगाई गई है, उनमें10...
देवरिया (विशाल चौबे ): जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने आईजीआरएस प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण में लापरवाही बरतने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए 37 अधिकारियों के नवंबर माह के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। जिन अधिकारियों के वेतन आहरण पर रोक लगाई गई है, उनमें10 बीडीओ, 5 एडीओ पंचायत, विद्युत विभाग के दो अधिशासी अभियंता समेत डीपीआरओ, बीएसए, ईओ एवं एआरटीओ सहित विभिन्न अधिकारी शामिल हैं।
डीएम ने कहा कि जन शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण शासन की प्राथमिकता का विषय है। शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापरक एवं तथ्यपूर्ण होना चाहिए। सतही निस्तारण किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं है। असंतुष्ट फीडबैक की वजह से जनपद की रैंकिंग प्रभावित हो रही है। जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त माननीय मुख्यमंत्री जी संदर्भ, सीएम हेल्पलाइन, ऑनलाइन सन्दर्भ, मंडलायुक्त संदर्भ, पीजी पोर्टल भारत सरकार एवं संपूर्ण समाधान दिवस तथा जिलाधिकारी जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि उक्त अधिकारियों द्वारा बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद जन समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है, जो अक्षम्य है।
डीएम ने कहा कि अक्टूबर माह में आईजीआरएस पोर्टल की रैंकिंग में जनपद को 39 वां स्थान प्राप्त हुआ था। रैंकिंग में सुधार होने पर ही वेतन आहरण पर विचार किया जाएगा। जिम्मेदार अधिकारी स्वयं आईजीआरएस प्रकरणों की आख्या देखे तथा आवश्यक प्रकरणों में स्थलीय निरीक्षण भी करें। शिकायतकर्ता से बात कर उसे तथ्यों से अवगत कराते हुए संतुष्ट करने का प्रयास करें।