जो लोग ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' की बात करते हैं, वे एक दिन में परीक्षा तक नहीं करा सकते: अखिलेश

Edited By Imran,Updated: 14 Nov, 2024 06:03 PM

akhilesh took a jibe at yogi government in prayagraj

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर प्रयागराज में छात्रों के विरोध प्रदर्शन का सामना करने और परीक्षाओं को ठीक तरह से आयोजित करने में विफल रहने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया।

प्रयागराज: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर प्रयागराज में छात्रों के विरोध प्रदर्शन का सामना करने और परीक्षाओं को ठीक तरह से आयोजित करने में विफल रहने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया। 

फूलपुर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए यादव ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस)-प्रारंभिक परीक्षा और समीक्षा अधिकारी- सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) परीक्षा दो अलग-अलग दिन आयोजित कराने के फैसले के खिलाफ जारी छात्रों के विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' की बात करते हैं, वे एक दिन में छात्रों के लिए परीक्षा भी नहीं करवा सकते।'' यादव ने छात्रों के साथ एकजुटता व्यक्त की, लेकिन राजनीतिकरण के आरोपों से बचने के लिए विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से परहेज किया। उन्होंने राज्य में परीक्षाओं के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करने में “असमर्थता” के लिए भाजपा की आलोचना की।

यह वही सरकार है जो ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' को बढ़ावा देती है: अखिलेश
उन्होंने कहा, ‘‘यह वही सरकार है जो ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' को बढ़ावा देती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में वे हमारे युवाओं के लिए एक दिन में परीक्षा तक नहीं करा सकते।” प्रयागराज में हजारों छात्र इस फैसले के खिलाफ लगातार चौथे दिन बृहस्पतिवार को विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का दावा है कि इससे अनावश्यक भ्रम और कठिनाई बढ़ रही है। यादव ने प्रश्नपत्र लीक, बार-बार परीक्षा के स्थगित व रद्द होने जैसे मुद्दों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही है। उन्होंने फूलपुर में होने वाले आगामी उपचुनाव का भी जिक्र किया, जहां समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवार मुस्तफा सिद्दीकी के चुनाव प्रचार में जुटी है। यादव ने मूल रूप से 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव 20 नवंबर तक स्थगित करने के लिए भी भाजपा की आलोचना की । उन्होंने कहा, ‘‘इन उपचुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा।'' यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी हमला बोला और कहा, ‘‘लोग जानते हैं कि यह सरकार जाने वाली है।'' 

'महाराष्ट्र चुनाव का नतीजा जो भी हो, आदित्यनाथ की कुर्सी नहीं बचेगी'
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव का नतीजा जो भी हो, आदित्यनाथ की कुर्सी नहीं बचेगी। मुख्यमंत्री की अक्सर आक्रामक बयानबाजी पर टिप्पणी करते हुए यादव ने कहा, ‘‘हमारे मुख्यमंत्री बहुत शिक्षित और जानकार हैं, लेकिन वे कम बोलने की जरूरत होने पर भी बहुत ज्यादा बोलते हैं। वह जब भी बोलते हैं, कड़वाहट भरी बात बोलते हैं। उनकी नकारात्मक मानसिकता उनकी नकारात्मक भाषा में झलकती है।'' योगी आदित्यनाथ का सीधे नाम लिए बिना यादव ने कहा, ‘‘कोई व्यक्ति अपने कपड़ों से योगी नहीं बनता। व्यक्ति अपने विचारों और शब्दों से योगी बनता है।'' फूलपुर में इसलिए उपचुनाव हो रहा है क्योंकि इस सीट के विधायक ने इसी साल में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इस सीट पर भाजपा ने पूर्व विधायक दीपक पटेल को मैदान में उतारा है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जितेंद्र कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है। मतदान 20 नवंबर को होगा। सपा अध्यक्ष ने 'एक्स' पर भी कहा, ''भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि पीसीएस, आर, एआरओ, अधीनस्थ सेवा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग एक करोड़ होती है। अगर इस ‘महा-संख्या' को लगभग 400 विधानसभा सीटों से भाग दें तो भाजपा के लगभग 25000 वोट हर विधानसभा सीट पर कम होंगे मतलब भाजपा दहाई के अंक में सिमट जाएगी।'' उन्होंने कहा, ''उम्मीद है, इस गणित को ही समझ कर आज ही भाजपा की हृदयहीन सरकार अत्याचार बंद करेगी और आंदोलनकारी युवाओं की लोकतांत्रिक जायज़ मांग को पूरा करेगी।” उन्होंने लिखा, “भाजपा की एक आदत पड़ गयी है, जनाक्रोश से डरकर आख़िरकार बात तो वो मानने पर मजबूर होती है, लेकिन तभी जब उसके सारे हिंसक तरीक़े नाकाम हो जाते हैं और जब उसकी नौकरी विरोधी नकारात्मक राजनीति पूरी तरह फ़ेल हो जाती है। भाजपा हमेशा के लिए खत्म होनेवाली है। 

अभ्यर्थी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
'' यूपीपीएससी ने गत पांच नवंबर को घोषणा की थी कि समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में आयोजित की जाएगी। वहीं प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा सात और आठ दिसंबर को दो पालियों में आयोजित की जाएगी। अलग-अलग तारीखों पर परीक्षा आयोजित करने के फैसले की व्यापक आलोचना के बीच परीक्षार्थियों ने दावा किया कि इससे अनावश्यक भ्रम और मुश्किल पैदा हुई है। हालांकि आयोग ने अभ्यर्थियों की मांगों को स्वीकार करते हुए बृहस्पतिवार को समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा स्थगित कर दी और प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा को पुराने पैटर्न पर आयोजित करने की घोषणा की। आयोग ने आरओ और एआरओ परीक्षाओं के लिए एक समिति बनाने की भी घोषणा की।

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