Edited By Ramkesh,Updated: 14 Sep, 2023 02:37 PM

माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का वादा कर चुकी योगी सरकार अपराधियों पर कहर बनकर टूट रही है। इसी क्रम में अपराध को जड़ से समाप्त करने के लिए यूपी पुलिस भी जुटी हुई है। दरअसल, अम्बेडकर के हंसर थाना क्षेत्र निवासी माफिया खान मुबारक की मौत के बाद उसके...
अम्बेडकरनगर, (कार्तिके द्विवेदी): माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का वादा कर चुकी योगी सरकार अपराधियों पर कहर बनकर टूट रही है। इसी क्रम में अपराध को जड़ से समाप्त करने के लिए यूपी पुलिस भी जुटी हुई है। दरअसल, अम्बेडकर के हंसर थाना क्षेत्र निवासी माफिया खान मुबारक की मौत के बाद उसके गुर्गे जिले में सक्रिय नजर आ रहे है। इसे लेकर हंसवर थाने की पुलिस भी अपराधियों पर लगाम लगाने में जुटी है। माफिया की मौत के बाद क्षेत्र में कमरुल हसन नाम का युवक काफी सक्रिय था जिसे लेकर पुलिस सख्त थी। लेकिन आरोपी पुलिस की नजर से दूर रहा। कोर्ट आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया साथ उस गुडा एक्ट के तहत कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस पर हंसर थाने की पुलिस ने दल बल के साथ आरोपी के गांव में डुग्गी पीटकर मुनादी कराई है। आरोपी के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने आरोपी को न्यायालय में सरेंडर का आदेश जारी किया है।

डेढ़ दशक में प्रदेश के टॉप टेन बदमाशों की लिस्ट में शामिल हुआ था खान मुबारक
बता दें कि लंबी बीमारी के बाहर से माफिया खान मुबारक की बरेली के जेल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। माफिया के डेढ़ दशक में प्रदेश के टॉप टेन बदमाशों की सूची में शामिल हो गया था। खान मुबारक पर अलग-अलग जनपदों में कुल चार दर्जन मुकदमे दर्ज थे। हत्या, लूट जैसी घटनाएं कर गैंगस्टर बने खान मुबारक ने फिरौती, रंगदारी व जमीनों पर कब्जे पर अकूत संपत्ति बनाई थी।

प्रयागराज से अपराध की दुनिया में रखा था कदम
हंसवर थाना क्षेत्र के हरसम्हार गांव निवासी खान मुबारक ने अपराध जगत का सफर तेजी से तय किया। यूं तो उसके आपराधिक सफर की शुरुआत प्रयागराज से हुई लेकिन वर्ष 2012 के बाद से उसने अंबेडकरनगर को अपराध का केंद्र बना लिया। यहां उसने ताबड़तोड़ कई घटनाएं करके अपना नाम मोस्ट वांडेट अपराधियों की सूची में दर्ज कर लिया। बसपा नेता जुरगाम मेहंदी व उनके चालक शुभनीत यादव की हत्या करके उसने सनसनी फैला दी। ईंट भट्ठा व्यवसायी ऐनुद्दीन की हत्या करके उसने और दबंगई कायम की।

रंगदारी वसूलने और फिरौती को बनाया अपना कारोबार
माफिया खान मुबारक ने जमीनों पर कब्जे, रंगदारी वसूलने और फिरौती की कई घटनाएं करके उसने अकूत संपत्ति अर्जित की। वह लोगों को डरा धमकाकर कीमती संपत्तियां सस्ते दामों में अपने गुर्गों के नाम लिखवाने लगा। उसके डर की वजह से पीड़ित लोग केस दर्ज कराने पुलिस तक नहीं पहुंचते। इस खौफ के चलते अपराध की दुनिया में वह तेजी आगे बढ़ा। उसकी गतिविधियों के चलते प्रयागराज के साथ ही खान मुबारक का खौफ पूर्वांचल के कई जिलों में छाया रहा। लेकिन कहते हैं हर अपराधी का एक न एक दिन अंत होता है उसी प्रकार से माफिया का भी अंत हो गया।