Edited By Anil Kapoor,Updated: 08 Dec, 2024 01:19 PM

Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव करौंदा चौधर में मनरेगा के तहत कब्रिस्तान की सफाई और मेढ़बंदी के दौरान मजदूरों को 15 पौराणिक सिक्के मिले हैं। यह सिक्के मिट्टी की हांडी में दबे हुए थे, जिन्हें खोदने के दौरान...
Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव करौंदा चौधर में मनरेगा के तहत कब्रिस्तान की सफाई और मेढ़बंदी के दौरान मजदूरों को 15 पौराणिक सिक्के मिले हैं। यह सिक्के मिट्टी की हांडी में दबे हुए थे, जिन्हें खोदने के दौरान मजदूरों ने उन्हें पाया। पुलिस ने सिक्कों को कब्जे में लेकर जिला प्रशासन को सूचित किया है, और अब इन सिक्कों को पुरातत्व विभाग को भेजा जाएगा।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
गांव करौंदा चौधर के मौजा खेडकी में मनरेगा के तहत कब्रिस्तान की सफाई और मेढ़बंदी का कार्य चल रहा था। रोजगार सेवक मनोज सैनी के दिशा-निर्देश में 14 मजदूर सफाई में जुटे थे। इस दौरान, मजदूर असफाक, नौशाद, जशीम, सीनू, भूरे, और छात्रपाल समेत अन्य मजदूरों ने जब खुदाई की, तो उन्हें मिट्टी की एक हांडी मिली। जब हांडी को खोला गया, तो उसके अंदर से 15 पौराणिक सिक्के निकले। ये सिक्के सफेद रंग के थे और देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ये चांदी के हो सकते हैं।
सिक्कों की सूचना और पुलिस कार्रवाई
मजदूर नौशाद ने सिक्के मिलने की जानकारी ग्राम प्रधान पति इकरार अंसारी को दी। सूचना के बाद यह खबर गांव में तेजी से फैल गई, और किसी ग्रामीण ने डायल 112 पर सूचना दी। इसके बाद, पुलिस प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और सिक्कों को अपने कब्जे में ले लिया।
सिक्कों पर अरबी भाषा में लिखा हुआ
पुलिस के मुताबिक, सिक्कों पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये सिक्के पुराने और ऐतिहासिक हो सकते हैं। एक व्यक्ति ने बताया कि सिक्कों पर "सन 1191" लिखा हुआ है, जो कि मुग़ल काल के समय का हो सकता है।
ग्राम प्रधान का बयान
ग्राम प्रधान पति इकरार अंसारी ने कहा कि जिस स्थान पर कब्रिस्तान स्थित है, वह कभी खेडकी गांव हुआ करता था, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। आजादी से पहले इस गांव के लोग करौंदा चौधर और टाडामाइदास में जाकर बस गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह संभव है कि पुराने समय में किसी परिवार ने इन सिक्कों को अपनी जमीन में छुपा दिया हो।
सहारनपुर में भी मिला था ऐसा ही मामला
इससे पहले, सहारनपुर जिले में भी एक प्लॉट की नींव खोदते समय मजदूरों को पुराने सिक्के मिले थे, जिन्हें मुग़ल काल से जोड़ा गया था। उन सिक्कों को भी पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित किया गया था।