Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 Aug, 2019 01:41 PM
भगवान राम की नगरी अयोध्या में सरयू नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए जोरशोर से काम किया जा रहा है और इसके लिए एक ऐसी नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, जिसके अभी तक संभवत: दुनिया में किसी भी देश के पास उपलब्ध नहीं होने का दावा किया गया है...
कोच्चि/अयोध्या: भगवान राम की नगरी अयोध्या में सरयू नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए जोरशोर से काम किया जा रहा है और इसके लिए एक ऐसी नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, जिसके अभी तक संभवत: दुनिया में किसी भी देश के पास उपलब्ध नहीं होने का दावा किया गया है।
''ट्रैशकॉन लैब्स प्राइवेट लिमिटेड'' की मुख्य कार्यकारी अधिकारी निवेधा आरएम ने शोध रिपोर्ट के हवाले से बताया कि अयोध्या नगरी में प्रतिदिन करीब 150 टन कचरा सरयू नदी में बहाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरयू नदी के पुनरूद्धार में लगा गैर सरकारी संगठन ''अर्थ समवर्त फाउंडेशन'' उनकी कंपनी द्वारा इजाद की गई तकनीक के माध्यम से सरयू को प्रदूषणमुक्त बनाने के काम में लगा है। केरल के कोच्चि शहर में ' केरल स्टार्टअप मिशन' में भाग लेने के लिए आईं निवेधा आरएम ने बताया कि सरयू नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए उसमें डाले जाने वाले कचरे को जैविक और गैर जैविक श्रेणी में छांटने के लिए उनकी कंपनी की पांच मशीनों को काम पर लगाया गया है।
'ट्रैशबॉट' के साथ कर चुकी हैं मोदी से मुलाकात
निवेधा ने अपनी इस मशीन को ‘‘ट्रैशबॉट्र्र्र्र'' नाम दिया है जो नगर निगम के ठोस कचरे जैसे कि बचा हुआ भोजन, प्लास्टिक, कार्डबोर्ड, मीट, डायपर और सेनेटरी नेपकिन को जैविकीय और गैर जैविकीय कचरे में छांट देती है। उनका दावा है कि यह मशीन 99.6 फीसदी सटीकता के साथ काम करती है। कचरे को उसकी प्रकृति के अनुसार अलग-अलग करने वाली इस एक ''ट्रैशबॉट'' मशीन की क्षमता आठ घंटे में दस टन कचरे को छांटने की है अयोध्या में सरयू नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के अभियान में पांच ''ट्रैशबॉट'' मशीनों को लगाया गया है। निवेधा अपनी इस मशीन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात कर चुकी हैं। आज बेंगलुरू शहर के कचरे की छंटाई में उन्हीं की इजाद की हुई मशीन की मदद ली जा रही है।