इंजीनियर ने नौकरी छोड़ शुरू की खेती, गांव में कुपोषित बच्चों के लिए बनाने लगे आहार किट.... विदेशों में भी होने लगी मांग

Edited By Anil Kapoor,Updated: 27 Aug, 2024 12:45 PM

rampur news the engineer quit his job and started farming

Rampur News:उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले के रहने वाले अमित वर्मा पेशे से इंजीनियर हैं। वह देश-विदेश में कई बड़ी कंपनियों में नौकरी कर चुके हैं। अब वह यहां गांव में कुपोषित बच्चों को देखकर यहीं खेती करने लगे और अब कर रहे कमाल। कठोर परिश्रम और सच्ची...

Rampur News:(रवि शंकर) उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले के रहने वाले अमित वर्मा पेशे से इंजीनियर हैं। वह देश-विदेश में कई बड़ी कंपनियों में नौकरी कर चुके हैं। अब वह यहां गांव में कुपोषित बच्चों को देखकर यहीं खेती करने लगे और अब कर रहे कमाल। कठोर परिश्रम और सच्ची लगन से जीवन में किसी भी मनचाहे मुकाम को हासिल किया जा सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि यूपी के रामपुर के रहने वाले एक किसान द्वारा बनाई गई कुपोषित बच्चों के लिए रामबाण आहार किट। किसान की यह किट कैसे घर-घर तक मशहूर हो गई और अब रामपुर जिले के अलावा उत्तराखंड, कजाकिस्तान, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और गुजरात में भी किट की आपूर्ति होने लगी है।

मोटे अनाज को दे रहे हैं बढावा
मिली जानकारी के मुताबिक, रामपुर जिले के पसियापुर जनूबी गांव के अमित वर्मा पेशे से इंजीनियर हैं। उन्होंने विदेश की कई बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी की लेकिन, कोविड के दौरान जब घर लौटे तो नए आयामों की तलाश कर मोटे अनाज को बढ़ावा देने के प्रयास में जुट गए। इसके बाद वह कुपोषण को खत्म करने के लिए स्पेशल आहार किट तैयार करने में जुट गए। उनके द्वारा बच्चों को उपलब्ध कराई गई हाल ही में इस किट की डिमांड कजाकिस्तान से भी आई है।

कृषि विभाग के अधिकारियों से ली सलाह
किसान अमित वर्मा ने बताया कि उनके घर में कृषि भूमि काफी थी। ऐसे में उन्होंने खेती करनी शुरू कर दी। वह 3 साल से लगातर इस पर काम कर रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों से परामर्श किया। इसके साथ ही उन्होंने किताबों से मोटे अनाज की विशेषता को समझा। उन्होंने गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क स्थापित किया और कृषक उत्पादक संगठन बनाया।

CM योगी 3 बार कर चुके हैं सम्मानित
आपको बता दें कि आज 5 हजार किसान मिलकर एक साथ काम कर रहे हैं। अमित को नीति आयोग ने अपनी पुस्तक में देश के 100 नामचीन लोगों में शामिल किया है। मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें तीन बार सम्मानित कर चुके हैं।

कुपोषित बच्चों के लिए है फायदेमंद
अमित ने कुपोषित बच्चों को देखा और उनकी स्थिति देखकर मन में उपचार उपलब्ध कराने का विचार आया। इसके बाद उनकी आहार किट से उपचार की विधि बहुत ही कारगर साबित हुई है। इस किट के सेवन से जिले के एक लाख बच्चे और महिलाओं को स्वस्थ जीवन की मुख्य धारा से जोड़ा दिया है। उनके द्वारा बनाई गई एक माह की किट की कीमत 1250 रुपये है।

इस किट में हैं 7 आहार
आहार नाम की इस किट में सात वस्तुएं हैं। किट में सुपर फूड्स सप्लीमेंट पाउडर, अलसी, काजू, बादाम, तरबूज की मींग और गोंद से मिलकर बनता है। जहां 10 ग्राम रोज पानी या दूध में मिलाकर दिया जाता है। इसके अलावा मुरिंगा मिक्स दलिया (10 ग्राम रोज), आर्गेनिक शहद (रोज पांच ग्राम), बिस्कुट को ज्वार, बाजरा, जौ एवं शहद मिलाकर तैयार किया जाता है। वहीं, इसके साथ ही आंवला, त्रिफला और एलोविरा का जूस (पांच से 10 एमएल रोज), आंवला के आर्गेनिक गुड़ के लड्डू (रोज एक), मशरूम और मक्का का सूप (रोज 10 ग्राम) आहार किट से उपचार की विधि बहुत ही कारगर साबित हुई है। अब उनके बनाए इस किट की अन्य प्रदेशों में भी मांग बढ़ी है।

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