Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Mar, 2021 12:24 PM
बिहार विधानसभा में पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला एक विधेयक नीतीश सरकार के पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ। स्पीकर के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस...
लखनऊ: बिहार विधानसभा में पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला एक विधेयक नीतीश सरकार के पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ। स्पीकर के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई। विपक्ष के विधायकों को सदन से जबरन बाहर निकाला गया। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर कई ऐसी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं, जिसमें सदन के अंदर पुलिस और प्रशासन के लोग विधायकों को लात और मुक्कों से पीटते हुए देखे जा सकते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर इस पूरी घटना की निंदा की है।
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है, ”बिहार विधानसभा में सशस्त्र बलों द्वारा विधायकों पर हमला आपराधिक कृत्य है। सड़क पर बेरोजगार युवाओं पर भी जो हमले हुए वो दिखाते हैं कि सत्ता मिलने के बाद भाजपाई सरकारें जनता को क्या समझती हैं। निंदनीय! बिहार में लोकतंत्र पर कातिलाना हमला हुआ है।”
बता दें कि बिहार विधानसभा में शाम को सदन की कार्यवाही होनी थी, लेकिन उससे पहले आरजेड़ी समेत तमाम विपक्ष के विधायक विधानसभा अध्यक्ष के गेट पर बैठ गए और अध्यक्ष को बंधक बना लिया। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया। पुलिस अध्यक्ष के गेट पर बैठे विधायकों को हटाने के लिए बारी-बारी से सबको बाहर उठाकर फेंकने लगी। इस दौरान आरजेड़ी विधायक सतीश कुमार को चोट लग गईं, उन्हें अस्पताल भेजा गया। इतना ही नहीं विधायक सत्येंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि उनके साथ मारपीट की गई। छाती पर बूट रखकर मारा गया है। विधायक ने दावा किया कि उनके छाती पर चोट लगी है। ये ज्यादती नहीं, लोकतंत्र की हत्या है। महिला विधायकों को भी मारा गया है। कई विधायकों को जमकर पीटा। घसीट-घसीट कर बाहर किया।