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लखीमपुर खीरी हिंसाः सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा को दी जमानत, हिंसा में 8 लोगों की हुई थी मौत

Edited By Ajay kumar,Updated: 25 Jan, 2023 11:13 AM

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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के आरोपी बेटे आशीष मिश्रा को बड़ी राहत मिली है। उच्चतम न्यायालय ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 25 जनवरी की वाद सूची के अनुसार न्यायमूर्ति...

नई दिल्लीः लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के आरोपी बेटे आशीष मिश्रा को बड़ी राहत मिली है। उच्चतम न्यायालय ने आशीष मिश्रा को शर्तों के साथ 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी है। इतना ही नहीं ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के अलावा आशीष मिश्रा यूपी में नहीं जा सकेंगे। वह जहां भी रहेंगे उस पते की और संबंधित थाने की जानकारी कोर्ट को देनी होगी। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 25 जनवरी की वाद सूची के अनुसार न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने ये फैसला सुनाया। पीठ ने गत 19 जनवरी को मिश्रा की अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।

बता दें कि 19 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि दोषी साबित न होने तक आरोपी को लंबे समय तक जेल में नहीं रख सकते है। इस दौरान उन्होंने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलों को सुना। यूपी सरकार के अधिवक्ताओं ने जमानत कर विरोध करते हुए कहा कि इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।

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एसे तो जमानत होने में सात-आठ साल लग जाएंगेः मुकुल रोहतगी
वहीं, आशीष मिश्रा के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि उनका मुवक्किल एक साल से अधिक समय से हिरासत में है और जिस तरह से सुनवाई चल रही है, उसके पूरा होने में सात-आठ साल लग जाएंगे।

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जानिए क्या है मामला?
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थानाक्षेत्र में हिंसा के दौरान आठ लोग मारे गए थे। उस समय केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस में किसानों की तरफ से दर्ज कराई गयी प्राथमिकी के अनुसार एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया जिसमें गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा बैठे थे। घटना के बाद, ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को कथित रूप से गुस्साए किसानों ने पीट-पीट कर मार डाला। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई। इस संबंध में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं। चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या से जुड़ी पहली प्राथमिकी में आशीष मिश्रा मोनू और 13 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। दूसरी प्राथमिकी में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत का मामला दर्ज किया गया है, जिसमें चार अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। 

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