Edited By Ajay kumar,Updated: 16 Nov, 2020 01:55 PM
मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में किंगमेकर मानी जा रही बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब उनकी पार्टी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई।
यूपी डेस्क: मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में किंगमेकर मानी जा रही बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब उनकी पार्टी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई। पार्टी के सभी उम्मीदवारों को करारी हार का सामना करना पड़ा। पार्टी के दावों और अनुमान के विपरीत आए नतीजों के बाद पार्टी सुप्रीमो मायावती को उपचुनाव के संबंध में जानकारी भेजी गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि इलेक्टॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी की आशंका है। साथ ही कई बूथ पर अधिकारियों-कर्मचारियों ने पार्टी कार्यकर्ताओं को काम नहीं करने दिया। पार्टी सुप्रीमो की ओर से अभी इस पर जवाब नहीं आया है।
मालूम हो कि उपचुनाव से पहले बसपा की ओर से किंगमेकर होने का दावा किया जा रहा था। नतीजे आए तो एक भी पार्टी प्रत्याशी को जीत नहीं मिली। हालांकि मुरैना, पोहरी और जौरा में पार्टी प्रत्याशियों का प्रदर्शन संतोषजनक रहा। यहां पार्टी को 35 हजार से अधिक मत मिले।
ईवीएम विश्वसनीय नहीं है: रमाकांत पिप्पल
हार के कारणों पर मंथन करने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने आरोप लगाया कि ईवीएम विश्वसनीय नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को हैक किया जा सकता है और हम भी इससे सहमत हैं। वहीं, मतदान वाले दिन कई बूथों पर बसपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को काम नहीं करने दिया गया। पिप्पल का कहना है कि उपचुनाव में मिले समर्थन को हम परिणाम में नहीं बदल सके। अब पार्टी के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता आगामी नगरीय निकाय के चुनावों की तैयारी में जुट गए हैं। उम्मीद है कि इन चुनावों में हमारा प्रदर्शन बेहतर रहेगा।
यूपी उपचुनाव में भी बसपा की करारी हार
उत्तर प्रदेश की 7 सीटों पर हुए उपचुनाव में भी बसपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। सभी सीटों पर उसके प्रत्याशियों को हार मिली। बता दें कि 6 सीट पर बीजेपी और एक सीट पर सपा प्रत्याशी को जीत मिली है। जबकि बसपा-कांग्रेस का सभी सीटों पर पत्ता साफ हो गया।