ना सर्जन, ना डिग्री लेकिन फिर भी चला रहे थे अस्पताल... कौशांबी में 6 साल के मासूम की मौत ने खोली पोल

Edited By Anil Kapoor,Updated: 27 May, 2025 09:45 AM

2 fake doctors were doing surgery 6 year old child died

Kaushambi News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां झोलाछाप डॉक्टरों की गलती की वजह से एक 6 साल के बच्चे की जान चली गई। पुलिस ने इस मामले में 2 भाइयों विकास कुमार और विशेष कुमार को गिरफ्तार किया है। ये दोनों खुद को...

Kaushambi News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां झोलाछाप डॉक्टरों की गलती की वजह से एक 6 साल के बच्चे की जान चली गई। पुलिस ने इस मामले में 2 भाइयों विकास कुमार और विशेष कुमार को गिरफ्तार किया है। ये दोनों खुद को सर्जन बताते थे, जबकि उनकी केवल इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई है। दोनों भाई एक अस्पताल चला रहे थे, जिसका लाइसेंस उनके तीसरे भाई संजय कुमार के नाम था, जो खुद एक किसान है और मेडिकल से कोई संबंध नहीं रखता।

क्या हुआ पूरा मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, 16 मार्च को कौशांबी के सिरियावा कला गांव के राम आसरे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके बेटे का इलाज झोलाछाप डॉक्टरों ने किया। उनके बेटे की पैर की टूटी हड्डी को ठीक करने के लिए पहले डॉक्टरों ने इंट्रामेडुलरी रॉड लगाई थी। बाद में, जब रॉड निकालने की जरूरत पड़ी, तो ये दोनों भाई किसी भी योग्य डॉक्टर को बुलाए बिना खुद ऑपरेशन करने लगे। उन्होंने रॉड हटा दी, जिससे बच्चे को ज्यादा खून बहने और इंफेक्शन हो गया। इसके बाद बच्चे की हालत बिगड़ गई और वह दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

पुलिस की जांच और गिरफ्तारी
डीएसपी (चैल) सत्येंद्र प्रसाद तिवारी ने बताया कि बच्चे की मौत के बाद उसके पिता ने एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि विकास (26) और विशेष (25) ने बिना किसी मेडिकल डिग्री के अस्पताल चलाते हुए खुद इलाज किया था। इस दौरान बच्चे की मौत गैर इरादतन हत्या (धारा 105) के तहत दर्ज की गई। रविवार को पुलिस ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया।

अस्पताल का मामला
दोनों भाइयों ने लगभग 4 साल पहले चरवा-मनौरी रोड पर अपने भाई संजय कुमार के नाम से 'अनमोल अस्पताल' खोला था। यह अस्पताल बिना वैध मेडिकल लाइसेंस के चल रहा था। पुलिस ने बताया कि पिछले साल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस अस्पताल को सील भी किया था, लेकिन वह फिर से चालू हो गया था। स्वास्थ्य अधिकारी और पुलिस मिलकर झोलाछाप डॉक्टरों पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

पिता ने बताई पूरी घटना
नाबालिग बच्चे को करीब 4 महीने पहले चोट लगी थी, जिसके बाद सही डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया था। जब रॉड निकालने का समय आया, तो दोनों भाइयों ने बिना किसी योग्य डॉक्टर के मौजूदगी के ही ऑपरेशन किया। इस गलती की वजह से बच्चे की मौत हो गई।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया
कौशांबी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि अस्पताल को सील करने के बाद भी वह चालू पाया गया, जिसकी जांच जारी है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस मिलकर ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटना ना हो।

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