Edited By Mamta Yadav,Updated: 16 Dec, 2024 10:17 PM
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा महाकुंभ में कराए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें सनातन का सूर्य बताया।
Prayagraj News: श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा महाकुंभ में कराए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें सनातन का सूर्य बताया।
महाकुंभ में सनातन के शाश्वत सत्य स्वरूप का संरक्षण
आचार्य महामंडलेश्वर ने सोमवार को कहा कि सनातन संरक्षण की धर्मध्वजा को धारण करने वाले योगी आदित्यनाथ सही मायनों में सनातन का सूर्य हैं। वह सनातन के संरक्षण के दायित्वों को निभाते हुए नित्य ऐसे प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं जो किसी अन्य के क्षमता से परे है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने महाकुंभ में सनातन के शाश्वत सत्य स्वरूप का संरक्षण किया। उन्होंने-2025 के आयोजन को लेकर तीर्थराज प्रयागराज में चल रही महाकुंभ की तैयारियों को लेकर प्रसन्नता जताया। उन्होंने ‘महाकुम्भ को एकता का महायज्ञ’ बनाने के पीएम मोदी के आह्वान की भी प्रशंसा की और महाकुम्भ को स्वच्छ, स्वस्थ, हरित, डिजिटल व प्लास्टिक फ्री बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए देश के प्रत्येक गांव से लोगों को जुड़कर लाभ उठाना चाहिए तथा स्थानीय प्रशासन के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों और तीर्थयात्रियों को खुद भी आगे आकर स्वच्छता व धर्मार्थ कार्यों में प्रतिभाग करना चाहिए।
2019 में मिली कुम्भ को वास्तविक पहचान, 2025 महाकुम्भ गढ़ेगा नए प्रतिमान
स्वामी अवधेशानंद गिरी ने 2017 में प्रदेश में सीएम योगी की सरकार बनने के बाद 2019 में प्रयागराज में हुए कुम्भ के सफल आयोजन की प्रशंसा करते हुए महाकुम्भ 2025 के भव्य और दिव्य होने की आशा जताई। उन्होंने कहा कि यूं तो कुम्भ शताब्दियों से विचारों के आदान-प्रदान, विद्वानों के संगम और समस्त सनातनी शक्तियों की एकजुटता का केंद्र रहा है और धर्मसत्ता समेत देश की भी दशा-दिशा तय करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पहले शास्त्रार्थ विधि से विमर्श होता था, आज के आधुनिक स्वरूप की मांग के अनुसार अब अन्य प्रक्रियाओं ने भी जगह ले ली है। मुगल-अंग्रेज शासन व सनातन मूल्यों के प्रति उदासीन सरकारों के शासनकाल में भी कुम्भ के आयोजन हुए मगर, 2019 कुम्भ ने सनातन के सत्य-शाश्वत स्वरूप को पहली बार पूरी दुनिया में सही मायनों में प्रदर्शित किया। मौजूदा महाकुम्भ इसमें एक कड़ी आगे बढ़कर सफलता के नए प्रतिमानों को स्थापित करने वाला सिद्ध होने जा रहा है।