Edited By Ramkesh,Updated: 15 May, 2025 08:21 PM

उत्तर प्रदेश में नकली दवा के कारोबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के तहत खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए 2024-25 में 30 करोड़ 77 लाख रुपये की नकली दवाएं जब्त की हैं। यहां जारी एक अधिकारिक बयान के मुताबिक विभाग ने पिछले एक साल के...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नकली दवा के कारोबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के तहत खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए 2024-25 में 30 करोड़ 77 लाख रुपये की नकली दवाएं जब्त की हैं। यहां जारी एक अधिकारिक बयान के मुताबिक विभाग ने पिछले एक साल के दौरान पूरे प्रदेश में 1039 छापेमारी अभियान चलाए और इस दौरान 13,848 नमूने एकत्र किये।
1166 दवा कारोबारियों के लाइसेंस निरस्त
नकली दवा के कारोबार में संलिप्त पाये गये 1166 दवा कारोबारियों के लाइसेंस निरस्त किए गये। साथ ही, 68 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। बयान के मुताबिक सबसे ज्यादा कार्रवाई आगरा, लखनऊ और गाजियाबाद में हुई, जहां नकली दवाओं के साथ-साथ ‘ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन', ‘नारकोटिक्स (मादक पदार्थ)' औषधियां और नकली ‘कॉस्मेटिक' उत्पाद भी जब्त किये गए। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में सर्वाधिक कार्यवाही लखनऊ, आगरा और गाजियाबाद जिले में की गई। राज्य की राजधानी लखनऊ में एसटीएफ के सहयोग से ‘ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन' और नकली दवाओं के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाइयां की गईं।
14 संदिग्ध नमूनों की जांच जारी
अधिकारियों के मुताबिक आगरा में पांच नवंबर 2024 को एक करोड़ 36 लाख रुपये की नकली दवाएं और गाजियाबाद में छह फरवरी 2025 को 90 लाख रुपये की ‘नारकोटिक्स' औषधियां जब्त की गईं। बरेली में अप्रैल 2025 में 50 लाख रुपये के नकली ‘कॉस्मेटिक' उत्पाद जब्त किए गए। इसके अलावा, आयुर्वेदिक दवाओं की आड़ में ‘एलोपथिक' दवाओं के अपमिश्रण के मामले में भी कड़ी कार्रवाई की गई। लिये गये 14 संदिग्ध नमूनों की जांच जारी है।
मादक पदार्थ माफियाओं एक्शन तेज
प्रदेश में नकली दवाओं के खिलाफ यह कार्रवाई देश में मादक पदार्थ माफियाओं के विरुद्ध सबसे बड़ी मानी जा रही है। यह कार्रवाई न केवल जनस्वास्थ्य की रक्षा करेगी, बल्कि अवैध दवा व्यापार पर भी प्रभावी अंकुश लगाएगी। सरकार ने भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयों को और तेज करने का संकल्प लिया है।