Edited By Ramkesh,Updated: 03 Aug, 2025 03:31 PM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वर्ष 2017 से पहले पुलिस भर्ती में भाई-भतीजावाद होता था और उसका सीधा असर राज्य की कानून-व्यवस्था पर पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वर्ष 2017 से पहले पुलिस भर्ती में भाई-भतीजावाद होता था और उसका सीधा असर राज्य की कानून-व्यवस्था पर पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उप्र पुलिस दूरसंचार विभाग में चयनित 1,494 सहायक परिचालकों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान योगी ने चयनित कई अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ‘‘वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में होने वाली भर्तियों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद हावी था। उस दौरान पैसों के लेन-देन, बोली और भेदभाव ने नौजवानों के भविष्य को अंधकारमय बना दिया था।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसका सीधा असर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर पड़ा। इससे दंगे, अराजकता, गुंडागर्दी, आतंकी घटनाएं बढ़ गयीं और जनता में असुरक्षा का माहौल बन गया।'
घटनायें गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी अयोध्या, काशी और लखनऊ की कचहरी में हमले होते थे तो कभी आतंकी हमले, एक बार सीआरपीएफ कैंप रामपुर को भी निशाना बनाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में ‘डबल इंजन' की सरकार बनने पर सबसे पहले भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए बड़े कदम उठाए गए। इसके तहत पुलिस भर्ती बोर्ड का सुदृढ़ीकरण किया गया। उन्होंने दावा किया कि इसी का परिणाम है कि पूरे देश में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक पुलिस की भर्ती और सरकारी नौकरी देने वाले राज्यों में पहले स्थान पर है।
योगी ने कहा कि अब तक राज्य सरकार साढ़े आठ लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान कर चुकी है, जो पूरे देश में सबसे बड़ा आकड़ा है। वर्ष 2017 से लगातार उत्तर प्रदेश सरकार का नेतृत्व कर रहे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस में दो लाख 17 हजार 500 से अधिक कार्मिकों की निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती की जा चुकी है, जो देश में सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आने के बाद निवेश भी बढ़ा, जिससे करीब दो करोड़ युवाओं को अपने जिले में ही रोजगार के अवसर मिले।