Edited By Ajay kumar,Updated: 02 Apr, 2024 04:30 PM
लोकसभा चुनाव 2024ः समय के साथ फीका पड़ने लगा नीले झंडे का क्रेज, ढूंढने से भी नहीं मिल पा रहे उम्मीदवार
हरदोई: समय के साथ-साथ राजनैतिक दलों में भी लोगों का आना जाना लगा रहता है। कभी जिले में छुटभैये से लेकर बड़े नेताओं के वाहनों पर नीला झंडा दिखाई देता था, लेकिन अब जिले में झंडा तो दूर कार्यालय तक का पता नहीं रह गया है। जिले में भाजपा व इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी जहां जनसंपर्क में जुटे हैं, वहीं बसपा का प्रत्याशी तक अभी तय नहीं हो पाया है। एक समय था जब छोटे या बड़े चुनाव में बसपा का टिकट लेने के लिए लोग एड़ी चोटी का जोर लगा देते थे।
बसपा का कहीं कई पता नहीं चल रहा
लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। भाजपा ने अपनी पूरी तैयारी काफी पहले से ही कर ली। गांव से लेकर शहर तक बैठकों का दौर चल रहा है। तरह-तरह के कार्यक्रमों के जरिए गांव-गांव में भाजपा ने अपना संदेश पहुंचा दिया। प्रांतीय नेतृत्व से लेकर आम कार्यकर्ता तक पूरी तरह चुनाव में लगा हुआ है। इंडिया गठबंधन ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं, लेकिन अभी चुनाव के संबंध में एकजुट होकर कोई बैठक नहीं हो पाई है। चुनाव के दौरान ही जिलाध्यक्ष के बदले जाने से पूर्व जिलाध्यक्ष का खेमा चुनाव से बिल्कुल दूर बैठा है, वहीं नए जिलाध्यक्ष ने भी चुनाव के संबंध में अभी कार्यकर्ताओं को कोई संदेश नहीं दिया है। इन सबसे दूर बसपा का कहीं कई पता नहीं चल रहा है। न तो बसपा ने प्रत्याशी घोषित किया और न कोई चुनाव की बात हो रही है। यहां तक कि बसपा का कार्यालय तक कहीं मुख्य जगह पर दिखाई नहीं पड़ रहा है।
कभी बसपा के टिकट के लिए आफिस का चक्कर काटते थे दिग्गज
एक समय था जब बसपा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए गली मोहल्ले के छुटभैये नेता के अलावा बड़े नेता भी बसपा के प्रांतीय कार्यालय पर चक्कर काटा करते थे। जिले के छोटे से बड़े नेता की गाड़ी पर हाथी निशान का नीला झंडा दिखाई देता था। तमाम नेताओं ने जिले में बहनजी के आने पर मरते दम तक पार्टी में रहने की कसमें खाई थीं। भरे मंच पर उनका आशीर्वाद लेकर बसपा को जन-जन तक पहुंचाने की बात कही थी, लेकिन अब जब बसपा का अस्तित्व धीरे-धीरे समाप्त हो गया, तब जिले में कोई बसपा का नाम लेने वाला नहीं रह गया है।
चुनाव की तैयारियों में काफी पीछे है बसपा
जब पार्टी सत्ता में थी, तब छोटे से लेकर बड़े चुनाव में लोग टिकट पाने के लिए नीला झंडा हाथ में लेकर पार्टी के बड़े नेताओं की चौखट पर दस्तक देते रहते थे, लेकिन समय का ऐसा बदलाव हुआ जब पूरे देश में लोकसभा चुनाव का डंका बज चुका है, तब जिले में बसपा को कोई प्रत्याशी तक नहीं मिल रहा है और न ही कोई टिकट के लिए उत्साहित दिख रहा है।