बैंक धोखाधड़ी मामला: सपा नेता विनय शंकर तिवारी और कंपनी के MD 11 अप्रैल तक हिरासत में, ED ने रिमांड पर लिया

Edited By Anil Kapoor,Updated: 09 Apr, 2025 08:34 AM

vinay shankar tiwari and company s md are in ed custody till april 11

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता विनय शंकर तिवारी और उनकी कंपनी के एक अधिकारी को कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में मंगलवार को 11 अप्रैल तक .....

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता विनय शंकर तिवारी और उनकी कंपनी के एक अधिकारी को कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में मंगलवार को 11 अप्रैल तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। संघीय जांच एजेंसी ने यह जानकारी दी। तिवारी और उनकी कंपनी ‘गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड' (जीईएल) के प्रबंध निदेशक अजीत पांडे को ईडी ने सोमवार को क्रमश: लखनऊ और महाराजगंज से गिरफ्तार किया था।

विनय शंकर तिवारी और कंपनी के MD को 11 अप्रैल तक ED की हिरासत
अधिकारियों के अनुसार, पांडे और तिवारी आपस में रिश्तेदार हैं। जांच एजेंसी ने एक बयान में बताया कि विशेष अदालत ने दोनों को 11 अप्रैल तक ईडी रिमांड पर भेज दिया। बयान के मुताबिक, ईडी ने गिरफ्तारियों के बाद बीते सोमवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ, गोरखपुर, महारगंज व नोएडा जिलों और मुंबई में 10 स्थानों पर नए सिरे से छापेमारी की। जांच एजेंसी ने बताया कि छापेमारी से पता चला कि निवेश और ब्याज मुक्त ऋण की आड़ में धन को कही ओर परिवर्तित किया गया और जीईएल समूह की कंपनियों को अग्रिम राशि दी गई। ईडी ने बताया कि जब ऋण खाता एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) में बदल गया, तो कुछ उच्च-मूल्य वाली संपत्तियां बिना किसी लाभ के बेनामी/कागजी संस्थाओं को हस्तांतरित कर दी गईं। एजेंसी ने बताया कि कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए।

सपा नेता पर लगभग 750 करोड़ रुपए के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप
धन शोधन का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी के बाद दर्ज किया गया था। प्राथमिकी में आरोपियों पर बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ से 2012 से 2016 के बीच लगभग 750 करोड़ रुपए के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है। तिवारी (59) पूर्व मंत्री और गोरखपुर के कद्दावर नेता दिवंगत हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं। सपा में शामिल होने से पहले तिवारी ने बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के टिकट पर गोरखपुर में अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र चिल्लूपार का प्रतिनिधित्व किया था। 

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