CM योगी ने कहा- बीमारू राज्य की श्रेणी से निकलकर सक्षम प्रदेश बनने की राह पर है उत्तर प्रदेश

Edited By Imran,Updated: 18 Jul, 2023 06:41 PM

up is on become a capable state after coming sick state

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि राज्य बदल गया है और अब वह बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकल कर 'सक्षम' राज्य बनने की राह पर है। मुख्यमंत्री ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में 1,573 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि राज्य बदल गया है और अब वह बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकल कर 'सक्षम' राज्य बनने की राह पर है। मुख्यमंत्री ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में 1,573 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नियुक्तिपत्र वितरण करने के बाद अपने संबोधन में कहा, "अपेक्षित विकास के अभाव में कई प्रदेश आज भी बीमारू राज्य का ‘टैग' लेकर चल रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश इससे बाहर निकल चुका है और सक्षम राज्य बनने की राह पर है।

नीति आयोग के आंकड़े इसका सुबूत हैं।'' आदित्यनाथ की टिप्पणियाँ नीति आयोग द्वारा सोमवार को जारी उस रिपोर्ट के मद्देनजर महत्वपूर्ण हैं जिसमें कहा गया है कि भारत में 2015-16 और 2019-21 के बीच 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा में गरीबी के स्तर में सबसे तेज गिरावट आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015-16 में उत्तर प्रदेश में लगभग छह करोड़ लोग (प्रदेश की आबादी का 37.68 प्रतिशत) गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रयासों से 2019-20 में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों का प्रतिशत 37.68 प्रतिशत से घटकर 22 प्रतिशत हो गया। वर्तमान में यह सभी को आश्चर्यचकित करते हुए यह 12 प्रतिशत पर है।” आदित्यनाथ ने यह भी कहा, ''हमने उन जिलों की पहचान की जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए थे। इनमें बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, बदायूं, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, संभल, खीरी, हरदोई और बांदा जिले शामिल हैं। ये सभी आकांक्षी जिले थे। फिर हमने 100 आकांक्षी ब्लॉकों का चयन किया और उन्हें विकसित करना शुरू किया।" राज्य की पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकार के शासनकाल में राज्य के युवाओं को पहचान के संकट का सामना करना पड़ता था। 

उन्होंने कहा, "जब भी सरकारी रिक्तियों की घोषणा की जाती थी, चाचा-भतीजे की जोड़ी लोगों से धन इकट्ठा करने के लिए निकल जाती थी। आज, कोई भी राज्य आयोग या बोर्ड पर उंगली नहीं उठा सकता है।'' नवनियुक्त एएनएम को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों में आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई थी, रिक्त पद नहीं भरे गए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने एएनएम स्वास्थ्य कर्मियों के महत्व को समझते हुए इस दिशा में काम करना शुरू किया। इसी का परिणाम है कि आज रिक्त पद भरे जा रहे हैं।'' 
 

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