Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 23 May, 2024 03:34 PM
कहते हैं कि घर में पड़ी दवाईयां हमेशा बच्ची की पहुंच से दूर होने चाहिए, नहीं तो कोई बड़ा हादसा होने में देर नहीं लगती है।...
हमीरपुर: कहते हैं कि घर में पड़ी दवाईयां हमेशा बच्ची की पहुंच से दूर होने चाहिए, नहीं तो कोई बड़ा हादसा होने में देर नहीं लगती है। ताजा मामला हमीरपुर जिले से है। जहां एक मासूम बच्चे ने खेल-खेल में अपनी मां की दवा खा लीं, जिसके बाद वह बेहोश हो गया। बच्चे को बेसुध देखकर परिजन उसे अस्पताल लेकर जा रहे थे, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इकलौती संतान को गंवाने के बाद बच्चे की मां का रो-रोकर बुरा हाल है।
घटना जलालपुर थाना क्षेत्र के बरखेड़ा गांव की है। बच्चे का नाम भरत कुमार था, जिसकी उम्र 9 साल थी। इस दौरान भरत के पिता ने बताया कि वह गांव में मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। उनकी पत्नी का नाम ऊषा है, जो कि बीमार रहती हैं। ऊषा का इलाज चल रहा है। पिता के मुताबिक, 22 मई की सुबह वह काम पर गए हुए थे। इस दौरान पत्नी घर के बाहर बैठी थीं। भरत घर में अंदर खेल रहा था। इस दौरान भरत ने खेल-खेल में घर में रखी मां की दवा उठाकर खा लीं, जिसके बाद वह बेहोश हो गया था। कुछ समय बाद जब उसके दादा उसे खाने के लिए बुलाने गए तो घर के अंदर देखा तो भरत जमीन पर बेहोश पड़ा था।
दादा ने बताया कि उसके पास दवाई का एक पत्ता पड़ा मिला, जिसमें से तीन गोलियां गायब थीं। इस दौरान दादा की चीख सुन वहां इलाके के लोग आ पहुंचे। परिवार वाले आनन-फानन में भरत को अस्पताल ले गए लेकिन दुर्भाग्यवश वहां पहुंचने से पहले ही भरत की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, मृतक भरत के परिवार वाले बिना उसका पोस्टमार्टम कराए शव को घर लेकर चले गए। भरत अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मचा है। इकलौती संतान खोने के बाद परिवार में मातम का माहौल है।