Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 09 Nov, 2020 12:49 PM
करीब 30 साल बाद पाकिस्तान की जेल में बंद शमसुद्दीन उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित अपने घर लौट रहे हैं। उनके इन्तजार में परिजन पलकें बिछाए बैठे है। पाकिस्तान की...
कानपुरः करीब 30 साल बाद पाकिस्तान की जेल में बंद शमसुद्दीन उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित अपने घर लौट रहे हैं। उनके इन्तजार में परिजन पलकें बिछाए बैठे है। पाकिस्तान की जेल में बंद शमसुद्दीन का इन्तजार करते-करते उनकी मां का इंतकाल हो गया लेकिन कई नए चेहरों से पहली बार उनकी मुलाकात होगी।
कंघी मोहाल निवासी शमसुद्दीन के भाई फहीमुद्दीन ने बताया कि 28 साल बाद वह अपने भाई को देख पाएंगे। उन्होंने बताया कि भाई शमसुद्दीन वर्ष 1992 में पाकिस्तान घूमने गए थे। पाकिस्तान में एक हादसे में उनका पासपोर्ट वीजा जल गया। इसके बाद वापस नहीं लौटे और पाकिस्तान में रहकर काम धंधे में लग गए। इस बीच उन पर भारतीय जासूस होने का आरोप लगाकर जेल में बंद कर दिया गया। शमसुद्दीन 30 साल की उम्र में पाकिस्तान चले गए थे। अब उनकी उम्र 58 साल है।
बता दें कि शमसुद्दीन चार भाइयों और दो बहनों में सबसे बड़े हैं। फहीमुद्दीन के साथ ही नसीरुद्दीन व चांद बाबू भी उनके भाई हैं। शाहीन और चंदा बहनें हैं, उनके पाकिस्तान जाते समय ये सभी छोटे थे शमसुद्दीन जहां रहते थे, वहीं अब रहते हैं। उनके तीन बच्चों में दो बेटियों की शादी हो चुकी है। एक बेटा भी है। 26 अक्टूबर को पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर शमसुद्दीन इस समय अमृतसर के छेरहटा के नारायणगढ़ में क्वारंटाइन है।