अपराधियों की समय-पूर्व रिहाई मामले पर UP के जेल महानिदेशक को SC का ‘कारण बताओ नोटिस'

Edited By Mamta Yadav,Updated: 21 Jan, 2023 01:33 AM

sc issues show cause notice to up director general of prisons on release

उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के जेल महानिदेशक को उस अवमानना याचिका पर शुक्रवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें तीन माह के भीतर कुछ अपराधियों की समय-पूर्व रिहाई मामले में शीर्ष अदालत के पहले के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।

नई दिल्ली/लखनऊ: उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के जेल महानिदेशक को उस अवमानना याचिका पर शुक्रवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें तीन माह के भीतर कुछ अपराधियों की समय-पूर्व रिहाई मामले में शीर्ष अदालत के पहले के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार की 2018 की नीति के अनुसार, आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक दोषी को समय-पूर्व रिहा करने पर विचार किया जाएगा, यदि उसने कुल 20 साल की सजा काट ली है अर्थात 16 साल की वास्तविक सजा और चार साल की छूट।
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शीर्ष अदालत के आदेश समेत अन्य आदेशों का आज तक पालन नहीं किया जा सका
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने वकील ऋषि मल्होत्रा ​​की दलीलों का संज्ञान लिया कि तीन महीने के भीतर दोषियों की समय-पूर्व रिहाई को लेकर पिछले साल 14 मार्च के शीर्ष अदालत के आदेश समेत अन्य आदेशों का आज तक पालन नहीं किया जा सका है। पीठ ने कहा, “14 मार्च, 2022 को, इस अदालत ने प्रतिवादी, उत्तर प्रदेश राज्य को तीन महीने की अवधि के भीतर समय से पहले रिहाई के याचिकाकर्ताओं के मामले पर विचार करने का निर्देश दिया था।'' पीठ ने कहा, “अगले शुक्रवार (27 जनवरी) तक नोटिस का जवाब दें। संबंधित दस्तावेज की एक अतिरिक्त प्रति गरिमा प्रसाद... (राज्य सरकार के वकील) को दी जाए।'' अदालत ने, हालांकि स्पष्ट किया कि 27 जनवरी को जेल महानिदेशक को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने की जरूरत नहीं है।
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गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने पिछले साल 21 अक्टूबर को निर्देश दिया था कि समय-पूर्व रिहाई के याचिकाकर्ताओं के मामले पर इस आदेश की तारीख से तीन महीने के भीतर विचार किया जाए यह नयी अवमानना याचिका मोहम्मद नुरुल्ला और अन्य की ओर से दायर की गई है, जिस पर 27 जनवरी को सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने पांच जनवरी को इसी तरह की एक अन्य याचिका पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के जेल महानिदेशक से अपनी निजी हैसियत से एक हलफनामा दायर करने को कहा था, जिसमें दोषियों को छूट का लाभ देने के लिए अब तक उठाए गए कदमों का ब्योरा दिया गया हो।

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