Edited By Pooja Gill,Updated: 20 Mar, 2025 01:23 PM

संभल: संभल स्थित शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई का काम आज यानी बृहस्पतिवार को पूरा हो जाएगा। मस्जिद समिति के सचिव मसूद फारूकी ने कहा, ‘‘रंगाई-पुताई का काम अब भी जारी है और हमें उम्मीद है कि यह आज पूरा...
संभल: संभल स्थित शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई का काम आज यानी बृहस्पतिवार को पूरा हो जाएगा। मस्जिद समिति के सचिव मसूद फारूकी ने कहा, ‘‘रंगाई-पुताई का काम अब भी जारी है और हमें उम्मीद है कि यह आज पूरा हो जाएगा। उच्च न्यायालय ने एक सप्ताह की समय सीमा दी थी और हमें विश्वास है कि काम निर्धारित समय के भीतर पूरा हो जाएगा।''
ASI की देखरेख में हो रहा नवीनीकरण का कार्य
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की देखरेख में नवीनीकरण का कार्य रविवार से जारी है। मस्जिद प्रबंधन ने संरचना के चारों ओर सजावट और इमारत की रंगाई-पुताई और अतिरिक्त प्रकाश व्यवस्था किए जाने की अनुमति मांगी थी।
मस्जिद के पिछले हिस्से की दीवार के रंग में बदलाव
मस्जिद के पिछले हिस्से की दीवार के रंग में बदलाव पर चिंता जताते हुए शाही जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली ने कहा कि एएसआई ने मस्जिद के पिछले हिस्से को पहले के हरे और सुनहरे रंग की जगह सफेद रंग से रंग दिया है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मस्जिद समिति को इस बदलाव पर कोई आपत्ति नहीं है। अली ने कहा, ‘‘एएसआई ने हमें बताया कि उनकी सभी संरक्षित इमारतों को सफेद रंग से रंगा गया है। हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है और हम उनके साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं।'' जब उनसे पूछा गया कि क्या मस्जिद समिति रंग में बदलाव को अदालत में चुनौती देगी तो उन्होंने स्पष्ट किया, ‘‘हमें इस मामले में कोई आपत्ति, कोई शिकायत नहीं है और इसे लेकर कोई विवाद नहीं है।''
याचिका में किया था मंदिर होने का दावा
मुगलकालीन मस्जिद की रंगाई-पुताई ऐसे समय में की गई है जब इस स्थल के इतिहास को लेकर कानूनी विवाद जारी है। एक याचिका में दावा किया गया है कि मस्जिद को एक प्राचीन हिंदू मंदिर के ऊपर बनाया गया था। अदालत के आदेश पर एएसआई द्वारा संरचना का सर्वेक्षण किए जाने के विरोध प्रदर्शनों के दौरान पिछले वर्ष नवंबर में संभल में दंगे भड़क गए थे। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 मार्च को एएसआई को मस्जिद की बाहरी दीवारों की रंगाई-पुताई एक सप्ताह के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया था।