Edited By Ramkesh,Updated: 24 Jul, 2024 06:54 PM

उत्तर प्रदेश सरकार ने चित्रकूट में स्कूली बस का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में लापरवाही बरतने पर जिले के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया जबकि सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के विरुद्ध भी अनुशासनात्मक...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने चित्रकूट में स्कूली बस का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने में लापरवाही बरतने पर जिले के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया जबकि सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
दरअसल, मंगलवार 23 जुलाई को चित्रकूट के श्रीजी इंटर कॉलेज, खोह के छोटे-छोटे बच्चों को लेकर आ रही दो बसों को वाहन की फिटनेस समाप्त हो जाने के कारण सहायक संभागीय परिहन अधिकारी (प्रवर्तन) चित्रकूट की टीम द्वारा सीज कर बच्चों सहित 10 किमी दूर पुलिस लाइन ले जाया गया था। वाहन को 11:15 बजे सीज कर फायर सर्विस परिसर पुलिस लाइन में दाखिल किया गया व 13:05 बजे छोड़ा गया। इसके चलते करीब दो घंटे तक बस को खड़ा रखा गया।
जानकारी के अनुसार, चित्रकूट के संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) गुलाब चंद्र को संबंधित स्कूलों में जाकर स्कूली बसों के फिटनेस चेक करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन उनके द्वारा आदेशों की अवहेलना की गई, जिसके कारण दोनों वाहनों का फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो पाया। ऐसे में वाहनों को सीज करना पड़ा, जिससे बच्चों को भी तकलीफ हुई।
बुधवार को मामला संज्ञान में आने के बाद योगी सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए दोषी अधिकारियों पर कड़ी कारर्वाई की। इसके तहत संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) गुलाब चंद्र को प्रथम द्दष्टया उत्तरदायी पाए जाने के कारण उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कारर्वाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, मामले में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) विवेक कुमार शुक्ला के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कारर्वाई किए जाने की संस्तुति की गई है। साथ ही, प्रदेश में परिवहन विभाग से जुड़े समस्त कर्मियों को भविष्य में इस तरह की लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।