Edited By Ramkesh,Updated: 04 Apr, 2023 03:00 PM

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर के एक संत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मंदिर में निवास करने की पेशकश की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद सदस्य के तौर पर आवंटित घर खाली करने का नोटिस मिलने के बाद...
अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर के एक संत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मंदिर में निवास करने की पेशकश की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद सदस्य के तौर पर आवंटित घर खाली करने का नोटिस मिलने के बाद हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत ज्ञान दास की प्रतिष्ठित गद्दी के उत्तराधिकारी संजय दास ने उनसे मंदिर परिसर में रहने की पेशकश की। संजय दास ने राहुल गांधी को अपना खुला समर्थन देते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी हनुमानगढ़ी परिसर में आकर रहना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। संजय दास ने कहा, ‘‘राहुल गांधी का पवित्र नगरी में अयोध्या में संत स्वागत करते हैं, हम उन्हें अपना निवास स्थान प्रदान करते हैं।'' दास संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ के संदर्भ में दो साल की हुई है सजा
बता दें कि राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ के संदर्भ में उनकी साल 2019 की टिप्पणी के लिए निचली अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। पिछले महीने सजा सुनाए जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए गए गांधी (52) अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर पी मोगेरा की अदालत में उपस्थित हुए, जिसने 15,000 रुपये के मुचलके पर उनकी अपील के निपटारे तक जमानत दे दी है। वहीं निचली अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील के लिए गांधी की सजा एक महीने के लिए निलंबित कर दी थी। फैसले के एक दिन बाद, राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के मुताबिक, दो साल की जेल की सजा मिलने पर सांसद या विधायक संसद या विधानसभा की अपनी सदस्यता से, दोषसिद्धि की तारीख के अयोग्य हो जाता है।
न्यायपालिका पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही कांग्रेस
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर करने के दौरान सूरत में कांग्रेस नेताओं के जमावड़े को अदालत के समक्ष उनका शक्ति प्रदर्शन करार दिया और आरोप लगाया कि यह उनके अहंकार को दर्शाता है। सत्र अदालत में अपील दायर करने के दौरान राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के मौजूद रहने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सवाल किया कि क्या यह उनके अहंकार का प्रदर्शन है, न्यायपालिका पर दबाव बनाने का प्रयास है या जांच एजेंसियों को धमकाने की 'जानी-पहचानी रणनीति' है।
मल्लिकार्जुन खरगे बोले- राहुल गांधी के लिए लड़ रही पार्टी
केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने आरोप लगाया कि आपराधिक मानहानि के मामले में सूरत की अदालत में अपील दाखिल करने के लिए राहुल गांधी के साथ जाने के कांग्रेस नेताओं का फैसला न्यायपालिका पर ‘अनुचित दबाव' बनाने की कोशिश है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस आरोप को खारिज कर दिया। खरगे ने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी देश के लिए लड़ रहे हैं और ऐसे में पार्टी के नेता उनके समर्थन के लिए सूरत पहुंचे तथा यह कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है। कांग्रेस नेता ने अपने वकील द्वारा दायर अर्जी में दावा किया कि दोषसिद्धि का फैसला किसी साक्ष्य के बगैर पारित किया गया।