Edited By Imran,Updated: 28 Aug, 2024 06:37 PM
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सोशल मीडिया के जरिए पैसा कमाने वालों के लिए नई पॉलिसी लेकर आई है। सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने वालों को अब फॉलोअर्स के हिसाब से सरकारी विज्ञापन दिया जाएगा। इसके तहत सरकार की ओर से हर महीने 30 हजार रुपए से लेकर 8 लाख...
DigitalMediaPolicy: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नई डिजिटल मीडिया नीति लेकर आई है। जिस पर सियासी बवाल शुरू हो गया है। सरकार इसे लोगों के लिए रोजगार का अवसर बता कर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन विपक्ष इसको विरोध पर लगाम लगाने का हथियार कहकर सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठा रहा है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष से एक-दूसरे पर इसको लेकर वार-पलटवार तेज हो गया है। इससे सूबे में इस योजना पर राजनीतिक संग्राम खड़ा होता दिख रहा है।
नई डिजिटल मीडिया नीति-2024 को मंजूरी
आपको बता दें कि मंगलवार को योगी कैबिनेट की बैठक में नई डिजिटल मीडिया नीति-2024 को मंजूरी दी गई है। इसमें सोशल मीडिया के जरिए पैसा कमाने वालों के लिए सरकार ने नई पॉलिसी बनाई है। इसके तहत सरकार के काम-काज का प्रचार-प्रसार करने वालों को अब फॉलोअर्स के हिसाब से विज्ञापन दिया जाएगा। जिसके लिए योगी सरकार ने हर महीने 30 हजार रुपए से लेकर 8 लाख रुपए तक देने का प्रावधान किया है। लेकिन, इसके साथ ही सरकार की ओर से इसमें शर्त भी रखी गई है। जो जेल की हवा भी खिला सकती है।
उन लोगों के लिए भी होगी जो यूपी के बाहर हैं
नई डिजिटल मीडिया पॉलिसी के अनुसार, डिजिटल माध्यम से ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर योगी सरकार अपनी योजनाओं और उपलब्धियों का इनके यूजर्स से गुणगान कराएगी। सरकार कंटेंट, वीडियो, ट्वीट, पोस्ट और रील को प्रदर्शित किए जाने के लिए इससे संबंधित एजेंसी और फर्म को सूचीबद्ध कर विज्ञापन जारी करके प्रोत्साहन देगी। सूचीबद्ध यूजर्स को हर माह इसके लिए भुगतान किया जाएगा। यह पॉलिसी राज्य के उन लोगों के लिए भी होगी जो यूपी के बाहर रह रहे हैं।
इसमें ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब में से प्रत्येक को सब्सक्राइब और फॉलोअर्स के आधार पर चार हिस्सों में बांटा गया है। इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रचार-प्रसार करने वालों के लिए भुगतान की राशि 5 लाख, 4 लाख, 3 लाख और 2 लाख प्रति महीने रखी गई है। वहीं, योगी सरकार ने नई डिजिटल मीडिया पॉलिसी के तहत यूट्यूब पर वीडियो, शॉट्स और पॉडकास्ट के जरिए प्रचार-प्रसार करने वालों के लिए 8 लाख, 7 लाख, 6 लाख और 4 लाख की चार श्रेणी निर्धारित की है।
दरअसल, नई नीति के तहत सरकार की ओर से सोशल मीडिया यूजर्स को तय श्रेणी में प्रति माह के हिसाब से पैसा दिया जाएगा.. सरकार की ओर से जारी इस पॉलिसी के अनुसार, किसी भी स्थिति में कंटेंट अभद्र, अश्लील और राष्ट्र विरोधी नहीं होना चाहिए अगर ऐसा होता है तो उन सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ सरकार सख्त एक्शन लेगी.. ऐसा करने वालों को मुकदमा दर्ज कर जेल तक भेजा जा सकता है क्योंकि योगी सरकार ने यह पॉलिसी सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार और योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए शुरू की है.. लेकिन विपक्ष इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर सरकारी लगाम बता रहा है।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार की यह योजना रोजगार और प्रचार के लिए कितनी कारगर साबित होती है.. या फिर सरकार इसके तहत सोशल मीडिया यूजर्स पर रोजगार के बजाए कार्रवाई अधिक करती दिखती है..