घरों में अपनाई जाने वाली संस्‍कृति भिन्न हो सकती लेकिन हम सब एक हैं : सीतारमण

Edited By PTI News Agency,Updated: 04 Dec, 2022 08:29 PM

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वाराणसी (उप्र) चार दिसंबर (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को काशी और तमिल के सदियों पुराने संबंधों को हवाला देते हुए कहा कि ''हम सब भारत के लोग हैं, हम में से प्रत्येक एक भाषा बोलते हैं, घरों में अपनाई जाने वाली...

वाराणसी (उप्र) चार दिसंबर (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को काशी और तमिल के सदियों पुराने संबंधों को हवाला देते हुए कहा कि 'हम सब भारत के लोग हैं, हम में से प्रत्येक एक भाषा बोलते हैं, घरों में अपनाई जाने वाली संस्कृति भिन्न हो सकती है, लेकिन हम सब एक हैं।
रविवार को यहां केंद्रीय वित्त मंत्री ने ''काशी-तमिल संगमम'' के तहत आयोजित "मंदिर वास्तुकला और ज्ञान के अन्य विरासत रूप" विषयक एकेडमिक कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि काशी और तमिलनाडु के बीच पुराना संबंध है और आज इस आयोजन के माध्यम से उन संबंधों को साकार किया जा रहा है।
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो काशी में होता है, वो कांची में भी होता है, उसे देखकर महसूस किया जा सकता है कि काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराना संबंध है।
सीतारमण ने कहा कि काशी तमिल संगमम का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री के नारे ‘ओरे भारतम उन्नत भारतम‘ को साकार करना है।
प्रधानमंत्री ने एकता का जो संदेश दिया है उसमें उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृति एक है इसका बोध आज हो रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''मैंने तमिलनाडु में बचपन से ही कुछ चीजें अनुभव की हैं और जानी हैं, वो चीजें आज हमें काशी में भी देखने को मिल रही हैं। अतः हमारा कर्तव्य है कि हम इन सभी प्रमाणों को उजागर करें और असत्य न बोलने का संकेत दें।'
उन्होंने कहा कि देश की एकता के लिए, अगर हम सब साथ में हैं तो यह देश प्रगति करेगा और हर व्यक्ति का विकास होगा।

कार्यक्रम में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति सुधीर कुमार जैन ने मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम में प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने शैक्षणिक सत्र में डीएनए की उपयोगिता को हेल्थकेयर और फॉरेंसिक में जोड़ते हुए बताया कि वो डीएनए विधा ही थी जिसके द्वारा जॉर्जिया की महारानी केतेवन के हड्डियों की पहचान हो पाई और अजनाला के शहीदों की उत्पत्ति के बारे में पता चला।
कार्यक्रम में तमिलनाडु से आए प्रतिनिधि भी शामिल थे।


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