शिवपाल की सुरक्षा श्रेणी घटाने पर सपा-भाजपा में वाकयुद्ध

Edited By PTI News Agency,Updated: 29 Nov, 2022 09:39 AM

pti uttar pradesh story

लखनऊ, 29 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा ‘जेड श्रेणी’ से घटाकर ‘वाई श्रेणी’ किये जाने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच...

लखनऊ, 29 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा ‘जेड श्रेणी’ से घटाकर ‘वाई श्रेणी’ किये जाने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है।

शिवपाल सिंह‍ यादव की सुरक्षा श्रेणी कम किये जाने के बाद मंगलवार को सपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘‘मैनपुरी के चुनाव में मतदान के पूर्व श्री शिवपाल सिंह यादव जी की सुरक्षा कम करना और रिवर फ्रंट की जांच का बंद पिटारा फिर से खोलना मैनपुरी में भाजपा की शर्मनाक हार और सत्ता के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण और चित्रण है, लेकिन भाजपा सत्ता के बल पर गुंडागर्दी ज्यादा दिन नहीं कर पाएगी।’’
इससे पहले सोमवार की रात सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव की सुरक्षा श्रेणी को कम किये जाने को आपत्तिजनक बताया था जिस पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा कि शिवपाल सिंह यादव को भतीजे अखिलेश यादव और सपा के अपराधियों से खतरा था अब दोनों (चाचा-भतीजा) में मिलाप हो गया है तो सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा टल गया है।

राज्य सरकार का शिवपाल की सुरक्षा में कटौती का फैसला शिवपाल और अखिलेश के बीच मतभेद समाप्त होने और एक बार फिर हाथ मिलाने के बाद सामने आया है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी संसदीय क्षेत्र और रामपुर एवं खतौली विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनावों के बीच राज्‍य सरकार ने प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा ‘जेड श्रेणी’ से घटाकर ‘वाई श्रेणी’ कर दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यादव की सुरक्षा का स्तर घटाये जाने की सोमवार को पुष्टि की।

शिवपाल यादव की सुरक्षा हटाए जाने को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आपत्तिजनक बताया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘माननीय शिवपाल सिंह यादव जी की सुरक्षा श्रेणी को कम करना आपत्तिजनक है। साथ ही ये भी कहना है कि पेंडुलम समय के गतिमान होने का प्रतीक है और वो सबके समय को बदलने का संकेत भी देता है और ये भी कहता है कि ऐसा कुछ भी स्थिर नहीं है जिस पर अहंकार किया जाए।’’
उल्लेखनीय है कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सोमवार को ही मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के करहल में एक चुनावी जनसभा में शिवपाल सिंह यादव को पेंडुलम कहा था।

यादव की सुरक्षा को लेकर अखिलेश यादव के ट्वीट पर पलटवार करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार देर रात को ट्वीट किया, ‘‘श्री शिवपाल सिंह यादव जी को भतीजे श्री अखिलेश यादव और सपा के अपराधियों से ख़तरा था, अब दोनों में मिलाप हो गया है तो सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा टल गया है, फिर भी उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध है, यदि उन्हें सुरक्षा की समस्या है तो अवगत कराएं, जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।’’
उल्लेखनीय है कि हाल में सपा ने प्रसपा प्रमुख शिवपाल को मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में अपना स्‍टार प्रचारक बनाया है। मैनपुरी में पांच दिसंबर को होने वाले चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का मुकाबला भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य से है।

पुलिस अधीक्षक (प्रशिक्षण एवं सुरक्षा) वैभव कृष्‍ण का सोमवार को एक आधिकारिक पत्र सामने आया, जिसमें उन्होंने पुलिस आयुक्‍त, लखनऊ और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) इटावा को पत्र लिखकर प्रसपा प्रमुख एवं जसवंत नगर के विधायक शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा ‘जेड’ श्रेणी के स्थान पर ‘वाई’ श्रेणी किये जाने की जानकारी दी है।

रविवार को लिखे गये पत्र में उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को आयोजित राज्‍य स्‍तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया है।

वर्ष 2018 में शिवपाल सिंह यादव को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गयी थी। पुलिस के अनुसार ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा में कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं जिनमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षा गार्ड) भी होते हैं, जबकि ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा में राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) के चार से पांच कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षाकर्मी तैनात किये जाते हैं।

पिछले महीने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा के गढ़ मैनपुरी में उपचुनाव जरूरी हो गया था।

चाचा-भतीजा (शिवपाल और अखिलेश) जिनके बीच 2016 में आपसी विवाद के बाद लंबे समय से अच्छे संबंध नहीं थे, एक बार फिर से एक साथ आए हैं और डिंपल की जीत को मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि बताते हुए सीट बरकरार रखने की कोशिश में लगे हैं।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एक रणनीतिक कदम के तहत भाजपा ने डिंपल यादव के खिलाफ शिवपाल यादव के करीबी माने जाने वाले रघुराज सिंह शाक्य को कथित तौर पर परिवार में दरार का फायदा उठाने की उम्मीद में मैदान में उतारा, लेकिन यादव परिवार की एकजुटता के चलते यह समीकरण कारगर होते नहीं दिखा। शिवपाल का समर्थन इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि उनका जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है और वे वहां के लोकप्रिय नेता हैं।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!