Edited By PTI News Agency,Updated: 21 Jun, 2022 04:43 PM
कानपुर, 21 जून (भाषा) वर्ष 1984 के सिख दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने नरसंहार और एक मकान को आग लगाने के आरोपी दो लोगों को मंगलवार को गिरफ्तार किया। तब मकान में आग लगाए जाने से तीन लोग जलकर मर गए थे।
कानपुर, 21 जून (भाषा) वर्ष 1984 के सिख दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने नरसंहार और एक मकान को आग लगाने के आरोपी दो लोगों को मंगलवार को गिरफ्तार किया। तब मकान में आग लगाए जाने से तीन लोग जलकर मर गए थे।
पुलिस ने यह गिरफ्तारी घाटमपुर से की और अभी तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या छह तक पहुंच गई है। उसके अनुसार आज गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान मोबीन शाह (60 वर्ष) और अमर सिंह उर्फ भूरा (61 वर्ष) के तौर पर की गई है।
इस एसआईटी के नेतृत्वकर्ता पुलिस उप महानिरीक्षक बालेंदु भूषण सिंह ने कहा कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और मजिस्ट्रेट उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया।
अमर सिंह भूरा घाटमपुर से हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ डकैती, लूट जैसी गंभीर प्रकृति के करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं। वह क्षेत्र के कुख्यात नन्हा गिरोह से भी सक्रिय रूप से जुड़ा है। इन लोगों पर भादंसं की धारा 396 और 436 की धाराएं लगाई गई हैं।
उल्लेखनीय है कि एसआईटी द्वारा घाटमपुर से चार मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में धरपकड़ 15 जून को शुरू हुई। इस एसआईटी का गठन उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 27 मई, 2019 को किया गया था।
बालेंदु भूषण सिंह ने बताया कि एसआईटी ने 96 व्यक्तियों की पहचान मुख्य संदिग्ध के तौर पर की है जिसमें से 22 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। उनके अनुसार करीब 11 संदिग्ध लोगों के बारे में पूर्ण जानकारी जुटाई गई है और इससे एसआईटी को अभी तक छह लोगों को पकड़ने में मदद मिली है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति दर्जनों अन्य व्यक्तियों को लेकर 1984 में गुरुदयाल सिंह का मकान जलाने निराला नगर गए थे। उनके मुताबिक गुरुदयाल के मकान में 12 परिवार किराएदार के तौर पर रह रहे थे और हमले के दौरान तीन लोगों को जिंदा जला दिया गया था।
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