कोटा से विद्यार्थियों को उनके घर पहुंचाने के लिए राजस्थान रोडवेज के बिल का उप्र सरकार ने किया भुगतान

Edited By PTI News Agency,Updated: 22 May, 2020 04:03 PM

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लखनऊ, 22 मई (भाषा) कांग्रेस के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार द्वारा कोटा से उत्तर प्रदेश के छात्रों को ले जाने के लिए मुहैया करायी गयी बसों के लिए लगभग 36 लाख रुपये के बिल का उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को भुगतान कर दिया।

लखनऊ, 22 मई (भाषा) कांग्रेस के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार द्वारा कोटा से उत्तर प्रदेश के छात्रों को ले जाने के लिए मुहैया करायी गयी बसों के लिए लगभग 36 लाख रुपये के बिल का उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को भुगतान कर दिया।

उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए 1,000 बसों के इंतजाम को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच गतिरोध के बीच राजस्थान सरकार ने कोटा में फंसे छात्रों को भेजने के लिए 36.36 लाख रुपये का बिल बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा था।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक राज शेखर ने बताया कि अप्रैल के मध्य में उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के कारण कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाने का फैसला किया था।

राज शेखर ने बताया कि उप्र रोडवेज की बसें उन्हें लाने के लिए लगायी गयीं लेकिन हमें अतिरिक्त बसों की आवश्यकता थी। उन्होंने बताया कि कोटा में उपलब्ध राजस्थान रोडवेज की बसों को छात्रों को आगरा और मथुरा छोड़ने के लिए लिया गया था। राजस्थान रोडवेज ने इसका बिल दिया, जिसका भुगतान उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने कर दिया है।

इस बीच उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस को आत्मावलोकन की आवश्यकता है। वह देश और प्रवासियों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। नये मुद्दे उठाकर राजनीति करना संकीर्ण विचारधारा का परिचायक है।’’
शर्मा ने बताया, ‘‘उत्तर प्रदेश ने 560 बसें कोटा से छात्रों को लाने के लिए भेजी थीं लेकिन और भी छात्र थे जो उन बसों पर सवार नहीं हो पाये थे। उन्होंने अनुरोध किया था कि उन्हें भी वापस ले चलें क्योंकि वहां खाना नहीं मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने तब राजस्थान रोडवेज से अनुरोध किया था कि वह बसें मुहैया कराये और रोडवेज ने लिखित में मांगा था कि इसके लिए भुगतान किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘डीजल का 19.76 लाख रुपये का एक बिल पांच मई को दे दिया गया था। इसके बाद 94 बसों के लिए ‘रिमाइंडर’ भेजा गया। ये उनकी (राजस्थान सरकार) संवेदनशीलता है। एक तरफ निर्दोष बच्चों के लिए वे बिल मांग रहे हैं और वही दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को ले जाने के लिए वे राजस्थान से बसें मुहैया करा रहे हैं।’’

शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के समय कांग्रेस प्रवासियों के लिए बसों की राजनीति कर रही है जो शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण में यह बात सामने आयी है कि आप बच्चों को लाने के लिए और ईंधन के लिए बिल ले रहे हैं और उन्होंने एक बार भी मानवीय संवेदना नहीं दिखायी।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि समाचार चैनलों के जरिए उन्हें पता चला कि राजस्थान और पंजाब में हजारों प्रवासी सड़कों पर भूखे घूम रहे हैं और महाराष्ट्र में अफरातफरी का माहौल है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने 36 लाख रुपये का बिल मांगने की निन्दा करते हुए कहा है कि यह राजस्थान सरकार का अमानवीय चेहरा दर्शाता है।

अप्रैल में उत्तर प्रदेश के हजारों छात्र-छात्राओं को कोटा से बसों के जरिए उनके घर पहुंचाया गया था। ये विद्यार्थी राजस्थान के कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।



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