Edited By Anil Kapoor,Updated: 14 Mar, 2023 12:06 PM
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगीराज में पुलिस (Police) अपराध की रोकथाम के लिए अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रही है। कई शातिर अपराधी पुलिस मुठभेड़ (Police Encounter) में ढेर तो तमाम पुलिस की गोली लगने से घायल (Injured) हो चुके....
हरदोई(मनोज तिवारी): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगीराज में पुलिस (Police) अपराध की रोकथाम के लिए अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रही है। कई शातिर अपराधी पुलिस मुठभेड़ (Police Encounter) में ढेर तो तमाम पुलिस की गोली लगने से घायल (Injured) हो चुके हैं। अपराधियों में पुलिस का खौफ इस कदर बैठता जा रहा है कि अपराधी (Criminal) अपराध से तौबा कर पुलिस से गोली न मारने की गुहार लगा रहे हैं। आलम यह है कि अब तो जेल में बंद अपराधी भी पुलिसिया कार्रवाई से खौफजदा हैं और इलाज के लिए भी जेल (Jail) से बाहर आने पर पुलिस से गोली न मारने का वचन ले रहे हैं, जिसके चलते हरदोई (Hardoi) में जिला कारागार से डायलिसिस के लिए मेडिकल कॉलेज (Medical Collage) लाए गए कैदी ने जमकर हंगामा काटा। कैदी मेडिकल कॉलेज से पुलिस (Police) के साथ जाने के लिए राजी नहीं था। वह सिर्फ एक ही जिद पर अड़ा था कि पुलिस उसे लिखकर दे दे कि रास्ते में गोली नहीं मारेगी, तभी वह पुलिस के साथ जाएगा। इस दौरान काफी देर तक हंगामा चलता रहा और अंत में पुलिसकर्मियों ने उसे गोली न मारने के लिए आश्वस्त दिया जिसके बाद वह पुलिस कर्मियों के साथ जिला कारागार रवाना हो गया।
पुलिस लिखकर दे नहीं मारेगी गोली तभी जाऊंगा इलाज के लिए ट्रामा सेंटर: कैदी रिजवान
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मामला हरदोई जिले के मेडिकल कॉलेज परिसर का है। जहां पुलिस की मौजूदगी में एक युवक जमकर हंगामा कर रहा था और पुलिस से गोली न मारने का वचन लेने की जिद पर अड़ा है। दरअसल कोतवाली पिहानी क्षेत्र में कस्बे के मोहल्ला लोहानी के रहने वाले रिजवान पर आरोप है कि उसने विगत सन 2014 में अपनी पत्नी नाजरा बेगम को घर में एसिड डालकर जला दिया था। एसिड के हमले से नाजरा बेगम गंभीर रूप से झुलस गई थी।
नाजरा बेगम की तहरीर पर पुलिस ने रिजवान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जमानत पर छूटने के बाद रिजवान फरार हो गया जिसके चलते अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। करीब 5 माह पूर्व अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस के डर से उसने अदालत में सरेंडर किया था।रिजवान गुर्दे की बीमारी से ग्रसित है जिसके चलते केजीएमयू लखनऊ के चिकित्सकों ने उसकी नियमित डायलिसिस की सलाह दी थी। जिसके चलते उसे डायलिसिस के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे एनीमिक बताया मेडिकल कॉलेज में रिजवान ने जमकर हंगामा किया और डायलिसिस नहीं कराई चिकित्सकों ने उसे केजीएमयू ले जाने की सलाह दी।
कैदी रिजवान ने खुद का इनकाउंटर होने की बात पर किया हंगामा
आपको बता दें कि केजीएमयू जाने के लिए सिपाहियों द्वारा उसे एंबुलेंस में बिठाया जा रहा था, लेकिन रिजवान इतना डरा हुआ था कि वह पुलिसकर्मियों के साथ एम्बुलेंस में बैठने के लिए तैयार नहीं था। लिहाजा रिजवान ने हंगामा शुरू कर दिया और पुलिसकर्मियों से गोली ना मारने की मनुहार करने लगा। हंगामा बढ़ता देख मौके पर कोतवाली शहर के अन्य पुलिसकर्मी पहुंचे और उसे समझाने का प्रयास किया लेकिन, रिजवान अपनी जिद पर अड़ गया।
उसने पुलिसकर्मियों से कहा कि उसे ट्रामा सेंटर ले जाने वाले पुलिसकर्मी लिखकर दें कि रास्ते में उसे गोली नहीं मारेंगे। जिस स्थिति में उसे ले जा रहे हैं उसी स्थिति में वापस लाएंगे। यह योगी की पुलिस है कई लोगों को यह पैर में गोली मार चुकी है जो जेल में बंद है। उसे डर लग रहा है कि कहीं उसे भी गोली ना मार दे। जब तक उसे लिखकर नहीं दिया जाएगा कि पुलिस रास्ते में उसे गोली नहीं मारेगी तब तक वह केजीएमयू नहीं जाएगा। अंत में पुलिसकर्मियों ने उसे काफी समझाया और आश्वस्त किया कि पुलिस उसे गोली नहीं मारेगी, जिसके बाद भी वह केजीएमयू ले जाने वाले पुलिसकर्मियों के साथ नहीं गया और कोतवाली शहर पुलिस की जीप में बैठकर जिला कारागार चला गया।