Edited By Anil Kapoor,Updated: 17 Jul, 2019 04:39 PM
देवाधिदेव का प्रिय मास सावन का पहला दिन भक्तों की आराधना से प्रयागराज शिवमय हो गया। गंगा, यमुना और अद्दश्य सरस्वती के तट पर श्रद्धालुओं का सुबह से तांता लगा रहा। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु शिवलयों में अभिषेक के लिए बाहर हाथों में गंगा जल....
प्रयागराज: देवाधिदेव का प्रिय मास सावन का पहला दिन भक्तों की आराधना से प्रयागराज शिवमय हो गया। गंगा, यमुना और अद्दश्य सरस्वती के तट पर श्रद्धालुओं का सुबह से तांता लगा रहा। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु शिवलयों में अभिषेक के लिए बाहर हाथों में गंगा जल, बेलपत्र, फूल, मदार और धतूरा लेकर ऊं नम: शिवाय का जप करते अपनी बारी की प्रतीक्षा करते कतार में खड़े दिखे। बम-बम भोले के जयकारों से प्रयागराज गुंजायमान रहा।
सरस्वती घाट स्थित मनकामेश्वर मंदिर में भोलेनाथ का अभिषेक करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगी रही। पुरूषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक है। शिवलयों में भक्त रूद्राभिषेक भी करवा रहे हैं। मंदिर के बाहर खड़े श्रद्धालु दीपक और उकी पत्नी विनीता ने बताया कि सावन में रूद्राभिषेक करने से हर प्रकार की मनोकामना पूरी होती है।
शहर के सोमेश्वरनाथ,दशास्वमेध, तक्षकेश्वर, गंगोली शिवालय,श्रृंगवेरपुर शिवलय समेत अनेक शिवालयों में ‘बोल बम, ओम नम: शिवाय और शिव चालीसा का पाठ चलता रहा। सावन माह के पहले दिन से शिव मंदिरों की चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है। तड़के चन्द्र ग्रहण के समय श्रद्धालुओं का संगम तट पर जमघट लगा रहा। श्रद्धालु स्नान करने के बाद घाट पर बैठे पंडों को दान-दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त किया। उसके बाद कतार में बैठे भिक्षुकों को अन्न और वस्त्र दान किया।