Edited By Mamta Yadav,Updated: 30 Aug, 2023 06:39 AM

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के प्रतापगढ़ के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष गुलशन यादव को 24 घंटे के अंदर ही रिहा कर दिया गया। सपा नेता गुलशन यादव को कुंडा पुलिस ने प्रयागराज जिले से मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया था। अदालत में पेश करने के बाद हाईकोर्ट के...
Pratapgarh News: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के प्रतापगढ़ के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष गुलशन यादव को 24 घंटे के अंदर ही रिहा कर दिया गया। सपा नेता गुलशन यादव को कुंडा पुलिस ने प्रयागराज जिले से मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया था। अदालत में पेश करने के बाद हाईकोर्ट के डायरेक्शन के आधार पर एनबीडब्ल्यू रिकॉल किया गया। सीजेएम ने धारा 395 को रिफ्यूज करते हुए गुलशन यादव की जमानत मंजूर कर दी। वहीं गुलशन यादव को जमानत पर रिहा किए जाने पर सपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है।

प्रयागराज स्थित डायमंड जुबिली हॉस्टल से पुलिस ने किया गिरफ्तार
बता दें कि सपा नेता गुलशन यादव वर्ष 2022 में जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के सामने सपा प्रत्याशी थे। चुनाव के दौरान जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के कार्यकर्ताओं से गुलशन की मारपीट व विवाद हो गया था। 27 फरवरी 2022 को कुंडा कोतवाली में पहाड़पुर बनोही निवासी विजय प्रताप सिंह ने मारपीट व घर में घुसकर लूट का केस दर्ज कराया था। विवेचना के बाद विवेचक ने चोरी की घटना को डकैती में तब्दील करते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। मामले को लेकर गुलशन हाईकोर्ट गए थे, लेकिन राहत नहीं मिली। जिसके बाद से वह वांछित चल रहे थे। इसी मामले पर मंगलवार को कुंडा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सपा नेता को प्रयागराज स्थित डायमंड जुबिली हॉस्टल से गिरफ्तार किया था।

50 हजार के पर्सनल बॉन्ड पर मिली रिहाई
गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही सपा नेता गुलशन यादव को कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। सपा नेता गुलशन यादव को मंगलवार शाम 50 हजार रुपये के मुचलके पर सीजेएम मनोज कुमार के कोर्ट से रिहाई दी गई है। डकैती की धारा का पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने पर कोर्ट ने जमानत दी। गौरतलब है कि सपा नेता गुलशन यादव को कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का धुर विरोधी माना जाता है। 2022 का विधानसभा का चुनाव उन्होंने राजा भैया के खिलाफ लड़ा था। इसके बाद किसी भी चुनाव में वह राजा भैया के समर्थक उम्मीदवार के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा करते आए हैं।