Edited By Anil Kapoor,Updated: 10 Aug, 2024 03:16 PM
Lucknow News: वक्फ संशोधन बिल को लेकर एक तरफ जहां देश में सियासत तेज है वहीं दूसरी तरफ संसद से लेकर सड़क तक बयानबाजी हो रही है। वहीं, अब इस बिल को लेकर मोदी सरकार को मुसलमानों का समर्थन मिल रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, संसद में विपक्ष के विरोध...
Lucknow News: वक्फ संशोधन बिल को लेकर एक तरफ जहां देश में सियासत तेज है वहीं दूसरी तरफ संसद से लेकर सड़क तक बयानबाजी हो रही है। वहीं, अब इस बिल को लेकर मोदी सरकार को मुसलमानों का समर्थन मिल रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, संसद में विपक्ष के विरोध के बीच वक्फ संशोधन बिल को अब कुछ मुस्लिम संगठन अपना समर्थन दिया है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू से ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल अजमेर का एक प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करने पहुंचे। जिसमें सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती खुद शामिल थे। उन्होंने किरेन रिजिजू से मुलाकात के दौरान वक्फ बिल का समर्थन किया, साथ ही कुछ सुझाव भी दिए...सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि इस बिल से वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता आएगी।
आपको बता दें कि गुरुवार को मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर आई थी, जिसे किरेन रिजिजू ने सदन में पेश करते हुए कहा था कि देश में मुसलमानों के मौजूदा हालातों को देखते हुए वक्फ संशोधन बिल जरूरी है। बीजेपी का दावा है कि इससे मुस्लिम समुदाय में खासकर मुस्लिम महिलाओं के बीच पारदर्शिता आएगी। मगर, इंडिया गठबंधन के कई दल खुलकर इस बिल का विरोध कर रहे हैं। खासकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस बिल को मुसलमानों के साथ धोखा बताया है।
बहरहाल, भारी विरोध के बीच वक्फ संशोधन बिल की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित कर दी गई है। गुरुवार को मंत्री किरेन रिजिजू ने इस समिति के लिए कई नामों को प्रस्तावित किया। जिसमें इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मौलाना मोहिबुल्लाह और असदुद्दीन ओवैसी का नाम शामिल है। हालांकि विपक्ष जहां सरकार के इस बिल को संविधान पर प्रहार बता रहा है। वहीं, अब जिस तरह से मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने इस बिल को लेकर किरेन रिजिजू से मुलाकात की और समर्थन देने की बात कही, उससे सियासी हलचल तेज हो गई है।