Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 Aug, 2019 05:52 PM
उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक फौजी और उसके परिवार के साथ पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने का मामला सामने आया है। जिसके बाद पुलिस ने फौजी को थाने में बंद कर दिया। वहीं अमित शाह के गृह मंत्रालय से फोन आने के बाद पीड़ित परिवार को छोड़ा गया। वहीं फौजी क....
मेरठः उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक फौजी और उसके परिवार के साथ पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने का मामला सामने आया है। जिसके बाद पुलिस ने फौजी को थाने में बंद कर दिया। वहीं अमित शाह के गृह मंत्रालय से फोन आने के बाद पीड़ित परिवार को छोड़ा गया। वहीं फौजी की पत्नी की हालत खराब होने पर उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जानिए क्या है मामला?
दरअसल, सीआरपीएफ जवान सतेंद्र चौधरी मेडिकल थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर के-ब्लॉक में परिवार के साथ रहते हैं। वह बारामूला में तैनात हैं। सतेंद्र 6 अगस्त का छुट्टी पर घर आए थे। उनका 21 अगस्त को डिलीवरी ब्वॉय विवेक त्रिपाठी से विवाद हो गया। डिलीवरी ब्वॉय सतेंद्र के घर के पास ही रहने वाले चौकी इंचार्ज जितेंद्र कुमार और निलंबित दरोगा सुनील कुमार को फूड डिलीवरी करने आया हुआ था।
फौजी के घर पुलिस को बोला हल्ला
वहीं इस दौरान दरोगा जितेंद्र कुमार व सुनील कुमार ने पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर फौजी सतेंद्र के घर पर हल्ला बोल दिया। फौजी की मां, पत्नी और बेटे से भी मारपीट की गई। पुलिसकर्मी फौजी की पिटाई करते हुए उसे थाने ले गई और बंद कर दिया। इतना ही नहीं फौजी पर मोबाइल लूट समेत तीन मुकदमे भी दर्ज कर दिए गए। मारपीट के बाद घायल पत्नी ने इसकी जानकारी सीआरपीएफ कमांडेंट दी। जिसके बाद गृह मंत्रालय से फोन आने के बाद पुलिस के हाथ पैर फूल गए। पुलिस ने फौजी को तुंरत रिहा कर दिया।
पुलिस ने फौजी को दी थर्ड डिग्री
फौजी के शरीर पर पुलिस द्वारा दी थर्ड डिग्री के चोटों के निशान हैं। सतेंद्र कुमार ने कहा कि उन्होंने कभी शराब नहीं पी है। उनको कोई मेडिकल चेकअप भी नहीं कराया गया। वह 22 साल से नौकरी कर रहे हैं। हथियार कहा और कैसे चलता है, अच्छी तरह से जानते हैं। उनकी अलमारी से पुलिस ने लाइसेंसी पिस्टल बरामद की थी।
गृह मंत्रालय ने लिया मामले में संज्ञान
इस बारे में पुलिस का कहना है कि उनकी तरफ से बचाव में ऐसा किया गया होगा। उधर, गृह मंत्रालय ने कमांडो की पत्नी और बेटे को दिल्ली बुलाया है। पीड़ित परिजनों ने मुख्यमंत्री से भी पुलिस की ज्यादती की शिकायत की है। राज्य महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान ले लिया है।