रोजे में होली का जश्न... मुस्लिमों ने कायम की भाईचारे की मिसाल, हिंदुओं के साथ गुलाल लगाकर खेली होली, दी शुभकामनाएं

Edited By Purnima Singh,Updated: 11 Mar, 2025 04:34 PM

muslims set an example of brotherhood

होली के पावन पर्व पर विवादित बयानों की बाढ़ आ गई है। कोई कहता है की जिसे होली नहीं खेलना वह घरों में रहे, नमाज ना पढ़े लेकिन रामपुर में मुसलमानों ने रोजा रखकर होली का जश्न मनाया और एक ऐसी मिसाल कायम की जिससे एक बार फिर साबित हुआ की त्योहार आपसी...

रामपुर (रवि शंकर) : होली के पावन पर्व पर विवादित बयानों की बाढ़ आ गई है। कोई कहता है की जिसे होली नहीं खेलना वह घरों में रहे, नमाज ना पढ़े लेकिन रामपुर में मुसलमानों ने रोजा रखकर होली का जश्न मनाया और एक ऐसी मिसाल कायम की जिससे एक बार फिर साबित हुआ की त्योहार आपसी मोहब्बत बढ़ाने के लिए होते हैं नफरत बढ़ाने के लिए नहीं।

हिंदू-मुस्लिम ने मिलकर खेली होली 
अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रमजान का रोजा रख कर सभी हिंदू-भाई बहनों के साथ मिलकर होली का जश्न मनाया। रामपुर के अंबेडकर पार्क में मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और सभी हिंदू भाई-बहन और बच्चों के साथ मिलकर फूलों की होली खेली और एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी। 

हम लोग परंपरागत होली खेलते हैं - फरहत अली 
वहीं मीडिया से बात करते हुए फरहत अली खान ने बताया होली का पवन पर्व और रमजान का मुबारक महीना इससे खूबसूरत त्योहार हो ही नहीं सकता। हम लोग परंपरागत होली खेलते हैं और यह परंपरा सूफी संतों और नवाबों की महत्वपूर्ण परंपरा थी। उन्होंने कहा मेरा और यहां आए हुए मेरे बच्चों और सभी लोगों का रोजा था। 

'रामपुर से अमन और भाईचारे का एक संदेश जाता है'
इस विषय पर मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि होली का पावन पर्व रमजान के महीने में आया। जब मुसलमान का भी मुबारक महीना है और होली का भी पर्व हो तो इससे खूबसूरत बात हो नहीं सकती। जैसे होली के रंग आपस में मिल जाते हैं। ऐसा लगता है हिंदू और मुसलमान के त्योहार भी इस रंग में एक रंग हो गए हैं। हम लोग परंपरागत होली खेलते हैं और रामपुर से अमन और भाईचारे का एक संदेश जाता है। यह परंपरा सूफी संतों, नवाबों की महत्वपूर्ण परंपरा थी।

यह पूछे जाने पर की आप मुस्लिम समुदाय से आते हैं और रमजान का रोजा भी है? इस पर फरहत अली खान ने बताया कि इससे खूबसूरत और क्या पैगाम हो सकता है। रोजा हो और होली का रंग हो यह खाली हिंदुस्तान से ही पूरी दुनिया में जा सकता है। तमाम दुनिया में बैठे हुए लोग जो होली को नहीं जानते हैं रमजान के मुबारक महीने में वह भी इस खुशनुमा त्योहार को जान जाएंगे।

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